अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने का आपके शहर का है ये शुभ मुहूर्त, दिल्ली, नोएडा और जयपुर वाले जान लें खरीदारी का सही समय

इस वर्ष वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 10 मई को सुबह 4 बजकर 17 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन 11 मई को 2 बजकर 50 मिनट तक रहेगी.  अक्षय तृतीया 10 मई को मनाई जाएगी. अक्षय तृतीया की पूजा का समय सुबह 5 बजकर 33 मिनट से दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक है.

विभिन्न शहरों में अक्षय तृतीया का शुभ मुहूर्त | Akshaya Tritiya 2024 Muhurat

Auspicious time to buy gold on Akshaya Tritiya in Delhi :  नई दिल्ली – सुबह 5 बजकर 33 मिनट से दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक

Auspicious time to buy gold on Akshaya Tritiya in Mumbai :  मुंबई-  सुबह 6 बजकर 6 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक

Auspicious time to buy gold on Akshaya Tritiya in Pune :  पुणे – सुबह 6 बजकर 3 मिनट से दोपहर 12 बजकर 31 मिनट तक

Auspicious time to buy gold on Akshaya Tritiya in Jaipur :  जयपुर- सुबह 5 बजकर 42 मिनट से दोपहर 12 बजकर 23 मिनट तक

Auspicious time to buy gold on Akshaya Tritiya in Chennai :  चेन्नई-सुबह 5 बजकर 45 मिनट से दोपहर 12 बजकर 6 मिनट तक

Auspicious time to buy gold on Akshaya Tritiya in Hyderabad :  हैदराबाद-सुबह 5 बजकर 46  मिनट से दोपहर 12 बजकर 13 मिनट तक

Auspicious time to buy gold on Akshaya Tritiya in Gurugram :  गुरुग्राम-सुबह 5 बजकर 34 मिनट से दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक

Auspicious time to buy gold on Akshaya Tritiya in Chandigarh :  चंडीगढ़-सुबह 5 बजकर 31 मिनट से दोपहर 12 बजकर 20 मिनट तक

Auspicious time to buy gold on Akshaya Tritiya in Kolkata :  कोलकाता-सुबह 5 बजकर 59 मिनट से दोपहर 11 बजकर 33 मिनट तक

Auspicious time to buy gold on Akshaya Tritiya in Bengaluru :  बेंगलुरू-सुबह 5 बजकर 56 मिनट से दोपहर 12 बजकर 16 मिनट तक

Auspicious time to buy gold on Akshaya Tritiya in Ahmedabad  :  अहमदाबाद-सुबह 6 बजकर 1 मिनट से दोपहर 12 बजकर 36 मिनट तक

Auspicious time to buy gold on Akshaya Tritiya in Noida :  नोएडा-सुबह 5 बजकर 33 मिनट से दोपहर 12 बजकर 17 मिनट तक

अक्षय तृतीया का महत्व | Importance of Akshaya Tritiya

अक्षय का अर्थ है कभी क्षय या समाप्त नहीं होना. हिंदू धर्म में इस तिथि को इतना शुभ माना गया है कि इस दिन किए गए धार्मिक कायरे का पुण्य अक्षय यानी समाप्त नहीं होने वाला होता है. इस दिन लोग पूजा पाठ, नदी स्नान, दान और मूल्यवान धातु खरीदते हैं और कभी न क्षय होने वाले पुण्य की प्राप्ति करते हैं. यह पर्व जैन धर्म में भी मनाया जाता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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