अफगानिस्तान में 6.3 तीव्रता का भूकंप, करीब 120 लोगों की मौत, 1,000 से अधिक घायल

हेरात प्रांत के आपदा प्रबंधन प्रमुख मोसा अशारी ने एएफपी को बताया कि अब तक हमारे रिकॉर्ड में 1,000 से अधिक घायल महिलाओं, बच्चों और बूढ़े नागरिक हैं और लगभग 120 लोगों की जान चली गई है.

भूकंप आते ही सुबह करीब 11:00 बजे हेरात में लोग इमारतों से बाहर निकल आए.  45 साल के निवासी बशीर अहमद ने एएफपी को बताया, “हम अपने दफ्तर में थे और अचानक इमारत हिलने लगी.”

उन्होंने कहा, “दीवारों से प्लास्टर गिरने लगा और दीवारों में दरारें आ गईं, कुछ दीवारें और इमारत के कुछ हिस्से ढह गए.”

उन्‍होंने कहा, “मैं अपने परिवार से संपर्क नहीं कर पा रहा हूं. नेटवर्क कनेक्शन काट दिए गए हैं. मैं बहुत चिंतित और डरा हुआ हूं. यह भयावह था.”

पहले भूकंप के बाद के क्षणों में पुरुष, महिलाएं और बच्चे ऊंची इमारतों से दूर, चौड़ी सड़कों पर खड़े रहे. इसके बाद भी लोगों ने अपने घरों में लौटने में सावधानी बरती क्‍योंकि इसके बाद भी भूकंप के झटके महसूस होते रहे. 

आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के प्रवक्ता मुल्ला जान सायेक ने शनिवार शाम को एएफपी को बताया कि मरने वालों की संख्या बहुत अधिक बढ़ने की आशंका है. उन्होंने कहा, “कुछ इलाके ऐसे हैं जो पूरी तरह ढह गए हैं और सभी घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं.” उन्‍होंने कहा कि लोग अभी भी मलबे के नीचे दबे हुए हैं. सहायता एजेंसियां ​​इलाके तक पहुंचने की कोशिश कर रही हैं. 

यूएसजीएस के प्रारंभिक अनुमान के अनुसार, सैकड़ों मौतें संभव हैं. यूएसजीएस ने पहले भूकंप की तीव्रता 6.2 बताई थी. इसमें कहा गया कि इसकी गहराई सिर्फ 14 किलोमीटर थी.

ईरान की सीमा से 120 किलोमीटर पूर्व में स्थित हेरात को अफगानिस्तान की सांस्कृतिक राजधानी माना जाता है. यह हेरात प्रांत की राजधानी है, जो 2019 के विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, करीब 19 लाख लोगों की आबादी का घर है.  

अफगानिस्तान अक्सर भूकंप से प्रभावित होता है, खासकर हिंदू कुश पर्वत श्रृंखला में, जो यूरेशियन और भारतीय टेक्टोनिक प्लेटों के जंक्शन के पास स्थित है. 

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