इंडियन मुजाहिदीन के चार आतंकियों को 10 साल की सजा, NIA कोर्ट ने सुनाया फैसला

प्रतीकात्मक फोटो.

नई दिल्ली:

आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन (IM) के चार सदस्यों को अदालत ने 10 साल की सजा सुनाई है. दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट की एनआईए अदालत ने यह सजा सुनाई है. वर्ष 2012 में देश भर में आतंकी हमलों के जरिए सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की आपराधिक साजिश रचने के एक मामले में दोषी ठहराए गए चारों आतंकियों को कोर्ट ने बुधवार को सजा सुनाई.

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अदालत ने आतंकी दानिश अंसारी, आफताब आलम, इमरान खान और ओबैद-उर-रहमान को भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA)के तहत दोषी ठहराया था. एनआईए अदालत के विशेष न्यायाधीश शैलेन्द्र मलिक ने इन आतंकियों को सजा सुनाई.

अदालत ने आदेश में जिक्र किया है कि आरोपियों ने सात जुलाई को अपना दोष स्वीकार कर लिया था. विशेष अदालत ने 10 जुलाई को इन्हें दोषी करार दिया था.

राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने सितंबर 2012 में आईपीसी की धारा 121ए (भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश) और 123 (युद्ध छेड़ने की साजिश में सहयोग करना) के तहत मामला दर्ज किया था.

उन पर यूएपीए की धारा 17 (आतंकवादी कृत्य के लिए धन जुटाना), 18 (आतंकी कृत्य करने की साजिश), 18ए (आतंकवादी शिविरों का आयोजन), 18बी (आतंकवादी कृत्य के लिए लोगों की भर्ती) और 20 (आतंकवादी संगठन का सदस्य होना) के तहत भी आरोप लगाए गए. आरोपों में अधिकतम आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है.