घर चलाने के लिए रेस्त्रां में की नौकरी, नहीं छोड़ा थियेटर, इस वेब सीरीज ने बना दिया स्टार

नई दिल्ली:

गगन देव रियार फिलहाल अपनी लेटेस्ट में वेब सीरीज ‘स्कैम 2003’ की सक्सेस इंजॉय कर रहे हैं. एक्टर ने हंसल मेहता की सीरीज में अब्दुल करीम तेलगी के रोल में अपनी परफॉर्मेंस से पब्लिक को खूब इंप्रेस किया है. हाल ही में एक्टर ने अपने स्ट्रगल के दिनों के बारे में खुलकर बात की और याद किया कैसे वह अपना खर्च चलाने के छोटे-मोटे काम भी पकड़ लिया करते थे.

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हाल ही में टाइम्स नाउ के साथ बातचीत में गगन देव रियार ने एक थियेटर एक्टर से लेकर हंसल मेहता की स्कैम 2003 में लीड रोल तक के अपने सफर के बारे में बात की. उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि मुश्किल हिस्सा 2000 की शुरुआत थी जब मेरे पास थियेटर करने के लिए पैसे नहीं थे और मैंने अपना घर चलाने के लिए छोटे-मोटे काम करने शुरू कर दिए. मैंने बालाजी टेलीफिल्म्स के लिए लिखना शुरू किया. मैंने टीवी शो के लिए गाने लिखना शुरू किया. कभी मैकडॉनल्ड्स में काम किया कभी मार्केटिंग का काम पकड़ा…लेकिन कभी थियेटर नहीं छोड़ा.

उन्होंने कहा, “जब भी मुझे कोई शो मिलता था शो के आखिर में तालियां सुनना और एक एक्टर के तौर पर मैंने अच्छा काम किया है. बस यह सुनने और महसूस करने के लिए मैंने कभी थियेटर से दूरी नहीं बनाई. यह मुझे रोज इंस्पायर करता था. मुझे जो पसंद है, वह है एक्टिंग. मुझे खुशी है कि मैंने हार नहीं मानी और भगवान का शुक्रगुजार हूं कि मुझे इसके लिए प्यार मिल रहा है.”

उन्होंने स्कैम 2003 में लीड रोल में हंसल मेहता के साथ काम करने के बारे में भी बात की और कहा, “मुझे उम्मीद है कि चीजें मेरे लिए काम करेंगी, मेरा मतलब है कि हर दिन आपको एक बायोपिक का हिस्सा बनने और एक असल किरदार निभाने का मौका नहीं मिलता. सोनचिरैया और मेरा पिछला काम देखने के बाद मुझे फोन आया और मुझे लगता है कि जब उन्हें स्क्रिप्ट मिली तो वह चाहते थे कि मैं इसका हिस्सा बनूं. उन्होंने मुकेश छाबड़ा से मुझे ऑडिशन देने के लिए कहा और जब मैं जा रहा था तो यह इतनी जल्दी हुआ कि मैं बाहर आ रहा था और वह अपने ऑफिस में एंट्री कर रहे थे और उन्होंने अपनी कार एक तरफ खींची और मुझे एक थंब्स अप दिखा दिया जिसका मतलब था कि मुझे यह मिल गया था. आधे घंटे के अंदर मुझे हंसल सर का फोन आया और उन्होंने मुझसे कहा कि आपको यह मिल गया है और मैं सड़क पर था. मुझे इस खबर को पचाने में टाइम लगा. यह बहुत ही अनरियल था और घबराहट थी जब मैं हंसल सर से पहली बार मिलने जा रहा था लेकिन वह एक प्यारे इंसान हैं.”