पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में JUIF की रैली में धमाका, 44 लोगों की मौत

पेशावर:

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में हुए बम विस्फोट की घटना में अब तक 44 लोगों की मौत की सूचना है. एक कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी की सभा में यह  विस्फोट हुआ. इस घटना में 100 से अधिक लोग घायल हैं. खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के पुलिस महानिरीक्षक अख्तर हयात गंडापुर ने एएफपी को बताया कि “पार्टी के एक वरिष्ठ नेता समारोह को संबोधित करने वाले थे, लेकिन उनके पहुंचने से पहले एक बम विस्फोट हुआ.”अख्तर हयात ने कहा कि सम्मेलन की मेजबानी कर रही जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (एफ)  पार्टी के नेताओं को निशाना बनाने के लिए यह विस्फोट किया गया था. 

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“यह जिहाद नहीं बल्कि आतंकवाद है”

जेयूआई-एफ नेता हाफिज हमदुल्ला ने कहा कि उन्हें आज सम्मेलन में भाग लेना था, लेकिन कुछ व्यक्तिगत प्रतिबद्धताओं के कारण वह नहीं जा सके. जेयूआई-एफ नेता ने कहा, ‘‘मैं विस्फोट की कड़ी निंदा करता हूं और इसके पीछे जो लोग हैं, उन्हें यह संदेश देना चाहता हूं कि यह जिहाद नहीं बल्कि आतंकवाद है.” उन्होंने कहा कि यह मानवता और बाजौर पर हमला है.

उन्होंने मांग की कि विस्फोट की जांच की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है कि जब जेयूआई-एफ को निशाना बनाया गया है. उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा पहले भी हो चुका है…हमारे कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया गया है. हमने इस पर संसद में आवाज उठाई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.”हमदुल्ला ने शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की और प्रांतीय सरकार से घायलों को सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने का आग्रह भी किया.

पाकिस्तान में आतंकवादी हमलों में हुई है बढ़ोतरी

अफगानिस्तान की सत्ता में अगस्त 2021 में तालिबान की वापसी के बाद पाकिस्तान में आतंकवादी हमलों में वृद्धि देखी गई है. पिछले साल नवंबर में, तहरीक-ए तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने संघीय सरकार के साथ सहमत अनिश्चितकालीन युद्धविराम को रद्द कर दिया था और अपने आतंकवादियों को पाकिस्तान के सुरक्षा बलों पर हमले करने का आदेश दिया था.

तीस जनवरी को, पाकिस्तान तालिबान के एक आत्मघाती हमलावर ने पेशावर की एक मस्जिद में दोपहर की नमाज के दौरान खुद को विस्फोट करके उड़ा लिया था, जिसमें 101 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से अधिक लोग घायल हो गए थे. फरवरी में, हथियारों से लैस टीटीपी आतंकवादियों ने पाकिस्तान के सबसे अधिक आबादी वाले शहर कराची पुलिस प्रमुख के कार्यालय पर धावा बोल दिया था और उस दौरान हुई गोलीबारी में तीन आतंकवादियों और दो पुलिस कांस्टेबलों सहित चार अन्य की मौत हो गई थी. 

 

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