प्रॉपर्टी के इंडेक्सेशन पर क्या कदम पीछे खीचेंगी सरकार? निर्मला सीतारमन ने दिया ये जवाब


नई दिल्ली:

वित्त मंत्री निर्मला सीतरमन ने बजट 2024 में जहां न्यू टैक्स रिजीम में बदलाव कर 7.75 लाख रुपये की इनकम टैक्स फ्री कर दिया है. वहीं, प्रॉपर्टी बेचने पर लगने वाले लॉन्‍ग टर्म कैपिटल गेन टैक्‍स (LTCG on Asset) को 7.5% कम करके 12.5 फीसदी किया गया है. इस प्रावधान से उतनी राहत नहीं मिलेगी, जितनी Indexation लागू होने पर मिलती थी. नए प्रावधानों में सरकार ने Indexation को हटा दिया है. आसान शब्‍दों में कहें, तो अब पुराना मकान या प्लॉट बेचने पर ज्‍यादा टैक्‍स (Tax on Property) पेमेंट करना होगा. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सरकार Indexation पर अपने कदम पीछे खींच सकती है? वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने कैपिटल गेन टैक्स को समझाते हुए इसका जवाब दिया है.

मिडिल क्लास को उम्मीद थी कि बजट में इनकम टैक्स को लेकर थोड़ी और छूट मिलेगी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. अब रियल एस्टेट प्रॉपर्टी पर इंडेक्सेशन हटाने को लेकर नाखुशी जाहिर की है. सरकार इसके लिए क्या करेगी? इसके जवाब में निर्मला सीतारमन ने कहा, “प्रॉपर्टी के इंडेक्सेशन को लेकर मैं कुछ भी नहीं कह सकती. क्योंकि बजट ऑफ फाइनेंस बिल संसद में पेश हो चुका है. संसद का सत्र भी चालू है. ऐसे में मैं मीडिया के जरिए कुछ कहूंगी, तो ये संसदीय विशेषाधिकार को क्रॉस करना होगा.”

NDTV के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने कहा, “जब तक बजट पर संसद में चर्चा हो रही है, तब तक ये संसद का विषय है. प्रॉपर्टी पर Indexation या कैपिटल गेन टैक्स को लेकर जो भी बोलना है, वो मुझे संसद में बोलना चाहिए. न कि संसद के बाहर.” 

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अब तक क्या था नियम?
अब तक प्रॉपर्टी की बिक्री के बाद सेलर्स के मुनाफे को इंडेक्सेशन बेनिफ़िट से कैलकुलेट किया जाता है. लाभ की रकम पर 20 फ़ीसदी टैक्स वसूला जाता है. दरअसल, इस इंडेक्सेशन बेनिफ़िट के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से हर साल जारी किया जाने वाला कॉस्ट इन्फ़्लेशन इंडेक्स (CII) इस्तेमाल किया जाता है. जिसके आंकड़ों के आधार पर प्रॉपर्टी की खरीद कीमत को महंगाई की दर के समायोजित मूल्य से आंका जाता है.

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संसोधन के बाद क्या बदलेगा?
बजट 2024-25 के तहत प्रस्तावित नए नियमों के तहत अब इंडेक्सेशन बेनिफ़िट ख़त्म हो जाने के बाद प्रॉपर्टी बेचने का मुनाफा सीधा-सीधा कैलकुलेट होगा, लेकिन उस पर लगने वाले लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स (LTCG Tax) की दर को 20% से घटाकर 12.5% कर दिया गया है. टैक्स रेट में यह बदलाव भी बजट वाले दिन यानी 23 जुलाई से ही प्रभावी हो गया है. हालांकि 2001 से पहले खरीदी गई प्रॉपर्टी के लिए इंडेक्सेशन बेनिफ़िट जारी रहेगा.

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इक्विटी से शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन पर टैक्स 15% से बढ़कर 20% किया
लिस्टेड कंपनियों के शेयर और इक्विटी फंड्स की यूनिट बेचने से हुए शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन पर अभी 15% टैक्स लगता है. बजट में प्रावधानों के मुताबिक, संशोधन के बाद इसे बढ़ाकर 20% कर दिया गया है. अन्य सभी कैपिटल एसेट्स की बिक्री से हुए शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन पर निवेशक पर लागू स्लैब के हिसाब से टैक्स के प्रावधान में कोई बदलाव नहीं किया गया है.

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