बंगाल में ममता दीदी ने BJP का गढ़ भेदने के लिए ‘दीदी नंबर-1’ पर लगाया दांव, क्या मिलेगा फायदा?

रचना बनर्जी कई साल से Zee Bangla चैनल पर ‘दीदी नंबर-1’ शो होस्ट कर रही हैं. उनके प्रोग्राम में 3 मार्च को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी पहुंची थीं. बंगाल में रचना बनर्जी की जबरदस्त लोकप्रियता है. जब ममता बनर्जी ‘दीदी नंबर-1’ शो में रचना बनर्जी के साथ नजर आई थीं, तभी से उनके राजनीति में आने की अटकलें शुरू हो गई थीं. कोलकाता के ब्रिगेड ग्राउंड में हुई तृणमूल कांग्रेस की रैली में भी रचना बनर्जी ममता बनर्जी के साथ दिखी थीं. रैली में टीएमसी के महासचिव अभिषेक बनर्जी ने रचना बनर्जी के नाम का ऐलान किया. 

चुनाव से पहले ममता बनर्जी को तगड़ा झटका, ED ने जब्त किए TMC के अकाउंट से 10.29 करोड़ रुपये

49 साल की रचना बनर्जी ‘मिस कलकत्ता’ भी रह चुकी हैं. बचपन में उनका नाम झुमझुम बनर्जी था. बाद में उन्होंने अपना नाम रचना बनर्जी कर लिया. उन्होंने पहली शादी अपने को स्टार सिद्वांत मोहपात्रा से की थी. इसके बाद 2004 में उनका तलाक हो गया. उन्होंने फिर प्रोबल बासु के साथ शादी की. हालांकि, 2016 में ये दोनों भी अलग हो गए. रचना बनर्जी एक बेटे मां भी हैं. रचना ने बंगाली, उड़िया, तेलुगू, तमिल और कन्नड़ सहित कई भाषाओं की फिल्मों में काम किया है. लेकिन किसी भी फिल्म ने उन्हें वह लोकप्रियता नहीं दिलाई, जो उन्हें एक टीवी गेम शो ‘दीदी नंबर 1’ से मिली.

बीजेपी की लॉकेट चटर्जी से होगा मुकाबला

तृणमूल कांग्रेस से टिकट मिलने के बाद हुगली की लड़ाई काफी दिलचस्प हो गई है. इस सीट पर दो एक्ट्रेस के बीच मुकाबला होगा. हुगली से अभी बीजेपी की लॉकेट चटर्जी सांसद हैं. हुगली सीट से 2014 और 2009 में टीएमसी की डॉ. रत्ना डे जीती थीं. 2019 में लॉकेट चटर्जी ने डॉ रत्ना डे को 73,362 वोटों से हराया था. लॉकेट चटर्जी पहले से ही राजनीति में अनुभवी थीं. जबकि रचना बनर्जी पहली बार चुनावी लड़ाई लड़ेंगी. 

“PM मोदी का फैसला सही है”: विरोध के बीच स्मृति ईरानी ने किया CAA का बचाव

संदेशखाली से हुए डैमेज को क्या कर पाएंगी कंट्रोल?

रचना बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस की पसंद को भी इस चुनाव के मूड के बैकग्राउंड में देखा जाना चाहिए. बंगाल में इस समय सबसे बड़ा राजनीतिक चर्चा का विषय संदेशखाली है. उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली इलाके में कई महिलाओं ने यौन उत्पीड़न और जमीन हड़ने के आरोप लगाए हैं. आरोप टीएमसी के स्थानीय नेता शेख शाहजहां पर है, जिसे बंगाल पुलिस ने हाल ही में गिरफ्तार किया था. हाईकोर्ट के आदेश के बाद उसे सीबीआई को सौंपा गया. सीबीआई संदेशखाली मामले की जांच कर रही है. जबकि तृणमूल कांग्रेस ने अपने स्थानीय मजबूत नेता शेख शाहजहां को पार्टी से निष्कासित कर दिया है.

पिछले एक दशक में तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने कन्याश्री, रूपाश्री और लक्ष्मीर भंडार जैसी योजनाओं के माध्यम से महिलाओं के बीच एक मजबूत सपोर्ट बेस तैयार किया है. लेकिन संदेशखाली मामले के बाद अब ये सपोर्ट बेस संकट में है. बीजेपी चुनाव में संदेशखाली मामले को जरूर भुनाएगी. लिहाजा ममता बनर्जी भी इसका काउंटर तैयार करने में लगी हैं. इसलिए महिलाओं के सामने उनकी ‘दीदी नंबर-1’ रचना बनर्जी को लाया गया है. रचना बनर्जी सेलिब्रेटी हैं. उनके ऑडिएंस शहरी-ग्रामीण विभाजन से ऊपर हैं और हर एज ग्रुप में हैं.

टीएमसी के सेलिब्रेटी सांसदों पर बीजेपी साधती आई है निशाना

जादवपुर से टीएमसी की निवर्तमान सांसद और एक्ट्रेस मिमी चक्रवर्ती, बशीरहाट से टीएमसी सांसद नुसरत जहां ने 2019 के चुनाव में शानदार जीत हासिल की, लेकिन पार्टी को इसके दुष्प्रभावों से भी जूझना पड़ा. एक्ट्रेस-सांसद नुसरत जहां ने संदेशखाली विवाद के चरम पर अपने वेलेंटाइन डे सेलिब्रेशन की एक क्लिप पोस्ट कर दी, जिससे उन्हें ट्रोल किया गया. बीजेपी ने इसे लेकर टीएमसी पर राजनीति में निवेश न करने वाले उम्मीदवारों को आगे बढ़ाने का आरोप लगाया है.

“वो जो चाहे कर सकता है…” ममता बनर्जी ने इस वजह से अपने भाई बाबुन से सभी रिश्ते किए खत्म

हालांकि, रचना बनर्जी के रूप में ममता बनर्जी की रणनीति अब तक सफल रही है. रचना बनर्जी को लेकर टीएमसी पहले की तुलना में कहीं अधिक लोगों तक पहुंच बनाना चाहती है. वैसे टीएमसी ने मिमी चक्रवर्ती, नुसरत जहां और एक्टर देव को इस बार भी टिकट दिया है

चुनावी तैयारियों में जुटीं रचना बनर्जी

बेशक रचना बनर्जी को टीवी पर महिलाओं का भरपूर सपोर्ट मिलता हो, लेकिन टीवी स्टूडियो और चुनावी मैदान में बहुत फर्क होता है. रचना बनर्जी भी जानती हैं कि चुनावी मैदान में टीवी की तरह कोई रीटेक नहीं मिलता. हाल ही में एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा है कि अगले कुछ महीनों में ‘दीदी नंबर-1’ की शूटिंग में रुकावट आ सकती है. 

रचना बनर्जी ने कहा, “मैं लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार करूंगी. लेकिन मैं रात में आऊंगी और शूटिंग करूंगी.” राजनीति में आने को लेकर पूछे गए सवाल पर वह कहती हैं, “हमें लोगों के लिए काम करने के लिए शक्ति और एक मंच की जरूरत है. राजनीति से बड़ा कोई मंच नहीं हो सकता.”

 

Explainer: महाराष्ट्र में टूटती-बिखरती कांग्रेस, राहुल गांधी की ‘न्याय यात्रा’ खत्म होने तक राज्य में कितनी बचेगी पार्टी?