बेंगलुरु में बैठक से पहले 20 मिनट तक सोनिया और ममता के बीच गंभीर चर्चा.. बाकी नेता करते रहे इंतजार, जानें और क्या-क्या हुआ

नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव (Loksabha Elections 2024) के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष कमर कस रहे हैं. दोनों ओर से अपनी सेना को मजबूत करने का काम जारी है. इसी कड़ी में सोमवार को विपक्षी दलों की चर्चा बेंगलुरु में शुरू हुई. विपक्षी दलों की बैठक स्थल पर सबसे पहले पहुंचने वालों में सोनिया गांधी और ममता बनर्जी थीं. मीटिंग से पहले बैठक स्थल पर मेन हॉल के बीच में खड़े होकर सोनिया और ममता के बीच 20 मिनट तक बातचीत होती रही. ममता ने वामपंथी दलों के साथ टीएमसी के रिश्तों पर बात की. लालू यादव ने भी टीएमसी के साथ कांग्रेस और लेफ्ट के रिश्तों पर टिप्पणी की. तब तक सभी इंतजार करते रहे. इसीलिए बैठक थोड़ी देर से शुरू हुई.

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राज्यों के मसले को अलग रखेंगे सभी दल

बैठक में मोर्चे के नाम पर सुझाव मांगा गया. आम राय यह थी कि नाम में ‘इंडिया’ शब्द जरूर हो. लेफ्ट पार्टियों की तरफ से कॉमन मिनिमम प्रोगाम बनाने की मांग की गई. साथ ही कहा गया कि राज्यों के मसले को अलग रखा जाए. नए मोर्चे के अध्यक्ष के रूप में सोनिया गांधी और संयोजक के रूप में नीतीश कुमार के नाम की चर्चा हुई. हालांकि आज इस पर मुहर नहीं लगी. मुहर मंगलवार को लगने की संभावना है. बैठक के बाद सोनिया गांधी, लालू यादव, ममता बनर्जी, एमके स्टालिन और नीतीश कुमार चले गए लेकिन बाकी लोग काफी देर तक वहीं रुककर चर्चा करते रहे. मीटिंग के दौरान बैनर पर लिखे UNITED WE STAND का हिंदी मतलब ‘एक दूसरे का हाथ नहीं छोड़ेंगे’ बताया गया.

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26 दल के नेता शामिल हुए

यह बैठक बेंगलुरु के एक फाइट स्टार होटल में हुई. विपक्षी नेताओं के लिए आयोजित डिनर से पहले यह चर्चा हुई. कांग्रेस (Congress) पार्टी के मुताबिक, इसमें 26 दल के नेता शामिल हुए हैं. कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बैठक में शामिल हो रहे नेताओं के लिए डिनर रखा था. मंगलवार को विपक्षी नेता आगामी लोकसभा चुनाव के लिये रणनीति पर औपचारिक और विधिवत रूप से चर्चा करेंगे. विपक्षी एकता को मजबूत करने के लिए इस बार 8 नए दलों को भी न्योता भेजा गया.

पहली बैठक में शामिल हुए थे 17 विपक्षी दल

विपक्षी एकता की पहली बैठक 23 जून को पटना में हुई थी. ये बैठक बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने बुलाई थी. इसमें 17 राजनीतिक दल शामिल हुए थे. पहली बैठक में जनता दल यूनाइटेड, राष्ट्रीय जनता दल, आम आदमी पार्टी, द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम, तृणमूल कांग्रेस, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया, CPIM, CPIML, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट), सपा, जेएमएम और एनसीपी शामिल हुए थे. 

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