भारत, सऊदी अरब द्विपक्षीय व्यापार 100 अरब डॉलर तक पहुंचाने पर कर सकते हैं विचार: पीयूष गोयल

गोयल ने यहां एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘ शायद यह व्यापार तथा निवेश का बेहतर प्रवाह शुरू करने का एक तरीका हो सकता है और इससे यह भी पता चलेगा कि हम अपने व्यापार को कैसे दोगुना कर सकते हैं, जो वर्तमान में करीबी 52 अरब अमेरिकी डॉलर है.”

उन्होंने कहा, ‘‘ क्या हम अधिक महत्वाकांक्षी हो सकते हैं और इसे 100 अरब अमेरिकी डॉलर तक ले जा सकते हैं? क्या हम अधिक संतुलित व्यापार पर विचार कर सकते हैं? क्या हम भारत को सऊदी अरब के लिए खाद्य सुरक्षा प्रदाता बनाने पर विचार कर सकते हैं? जबकि सऊदी अरब हमें तेल तथा उर्वरक जैसी अधिक ऊर्जा सुरक्षा प्रदान करने में मदद करता है…यह वास्तव में दोनों पक्षों के लिये पूरी तरह से फायदेमंद होगा.”

सऊदी अरब को भारत का निर्यात 2021-22 में 8.8 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2022-23 में 10.72 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया है. दूसरी ओर, आयात 2021-22 में 34.1 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2022-23 में 42 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया.

जी20 शिखर सम्मेलन के रविवार को सम्पन्न होने के बाद सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान बिन अब्दुल अजीज अल-सऊद वर्तमान में भारत की राजकीय यात्रा पर हैं. उनके साथ मंत्रियों तथा कोरोबारियों का एक प्रतिनिधिमंडल भी है.

भारत और सऊदी अरब के बीच 3.5 अरब अमेरिकी डॉलर के करीब 50 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए हैं. 

इस बीच, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, भारत और सऊदी अरब ने सोमवार को ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग तथा द्विपक्षीय निवेश को बढ़ावा देने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए. 

बयान के अनुसार, ‘‘भारत सरकार और सऊदी अरब की सरकार के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर 10 सितंबर को राष्ट्रीय राजधानी में हस्ताक्षर किए गए.”

बयान में कहा गया कि समझौते पर केंद्रीय नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा एवं बिजली मंत्री आर. के. सिंह और सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री अब्दुलअजीज बिन सलमान अल-सऊद ने हस्ताक्षर किए. 

समझौता ज्ञापन के अनुसार, भारत और सऊदी अरब नवीकरणीय ऊर्जा, ऊर्जा दक्षता, हाइड्रोजन, बिजली और दोनों देशों के बीच ग्रिड इंटरकनेक्शन, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, रणनीतिक पेट्रोलियम भंडार तथा ऊर्जा सुरक्षा के क्षेत्रों में सहयोग करेंगे। इसका मकसद नवीकरणीय ऊर्जा, बिजली, हाइड्रोजन तथा भंडारण और तेल व गैस के क्षेत्र में द्विपक्षीय निवेश को प्रोत्साहित करना है. 

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)