हीरानंदानी का विस्फोटक कबूलनामा : “आरोप सच्चे, PM को बदनाम करने के लिए अदाणी को टारगेट किया महुआ ने…”

TMC सांसद महुआ मोइत्रा पर रिश्वत लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में उस समय एक नया मोड़ आया, जब व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी ने खुद एक शपथपत्र में कबूल किया कि आरोप बिल्कुल सच हैं, और महुआ मोइत्रा ने ही अपने संसद अकाउंट के लॉग-इन और पासवर्ड शेयर किए थे.

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एक शपथपत्र में दर्शन हीरानंदानी ने कहा कि संसद में पूछे जाने वाले सवाल उन्होंने (दर्शन हीरानंदानी ने) ही संसद की वेबसाइट में महुआ के अकाउंट पर अपलोड किए थे. हीरानंदानी के शपथपत्र के मुताबिक, “मैंने अदाणी ग्रुप को टारगेट करने के लिए सवाल भेजे थे… और अपुष्ट जानकारियों के आधार पर मैं महुआ के संसद अकाउंट पर सवाल पोस्ट करता रहा…”

हीरानंदानी ने यह भी कबूल किया कि महुआ मोइत्रा राजनीति में तेज़ी से तरक्की करने के इरादे से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाना चाहती थीं, और इसी वजह से उन्होंने अदाणी को टारगेट किया. हीरानंदानी के अनुसार, PM-अदाणी को टारगेट करने के लिए महुआ लगातार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के भी संपर्क में थीं.

हीरानंदानी समूह के CEO दर्शन हीरानंदानी ने दावा किया कि इस काम में महुआ मोइत्रा की मदद सुचेता दलाल, शार्दूल श्रॉफ और पल्लवी श्रॉफ कर रहे थे. इनके अलावा, महुआ की मदद कांग्रेस नेता शशि थरूर और पिनाकी मिश्रा ने भी की. दर्शन हीरानंदानी के मुतबिक, महुआ ने इस काम में विदेशी पत्रकारों से भी सहायता ली, जो FT, NYT और BBC से जुड़े थे, लेकिन इनके साथ-साथ कई भारतीय मीडिया हाउसों से भी महुआ मोइत्रा संपर्क में थीं.

दर्शन हीरानंदानी ने हलफनामे में कहा, मैं उम्मीद कर रहा था कि महुआ मोइत्रा का साथ देने से मुझे विपक्षी (विपक्षी पार्टियों की सरकारों वाले) राज्यों में मदद मिलेगी, इसलिए मैं महुआ मोइत्रा को महंगे तोहफे भी दिया करता था, मैंने महुआ के सरकारी आवास की मरम्मत भी करवाई, और मैं महुआ की यात्राओं और छुट्टियां का खर्च उठाता था.

गौरतलब है कि तृणमूल कांग्रेस (TMC) की लोकसभा सांसद महुआ मोइत्रा पर हीरानंदानी समूह के CEO दर्शन हीरानंदानी से रिश्वत लेकर संसद में ऐसे सवाल पूछने का आरोप है, जिनसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और हीरानंदानी समूह के व्यापारिक प्रतिद्वंद्वी अदाणी समूह की छवि खराब होती हो. महुआ मोइत्रा को संसद सदस्यता से निलंबित कर उनके ख़िलाफ़ जांच की मांग करती हुई चिट्ठी भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को लिखी थी, जिसमें दावा किया गया था कि TMC सांसद पर ये आरोप सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई की शिकायत के आधार पर लगाए गए हैं. निशिकांत दुबे के खत को स्पीकर ने एथिक्स कमेटी के पास भेजा था, जिन्होंने निशिकांत दुबे और जय अनंत देहाद्राई को सबूत पेश करने के लिए 26 अक्टूबर को बुलाया है.

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