200 घंटे, 300 बैठकें: जी20 शेरपा के मेहनती अफसर, जिनकी वजह से दिल्ली घोषणापत्र पर बनी आम सहमति

अमिताभ कांत ने ट्वीट कर कहा कि पूरे जी20 का सबसे हिस्सा भू-राजनीतिक पैरा (रूस-यूक्रेन) पर आम सहमति बनाना था. यह 200 घंटे की नॉन-स्टॉप वार्ता, 300 द्विपक्षीय बैठकें, 15 मसौदे की वजह से हो सका.इसमें उनकी सहायता दो प्रतिभाशाली अधिकारियों – @NagNaidu08 और @eenamg ने की. 

‘अमिताभ कांत के मेहनती अधिकारी’

मुद्दों पर आम सहमति बनना भारत के लिए बड़ी जीत

जी20 द्वारा नई दिल्ली घोषणापत्र को स्वीकार करने के बीच में रूस- यूक्रेन संघर्ष और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दे बाधक थे. इन पर मतभेदों के कारण आम सहमति तक पहुंचने में आने वाली चुनौतियों को दूर करना भारत के लिए एक बड़ी जीत के रूप में देखा जा रहा है.

नई दिल्ली घोषणा को स्वीकारे जाने के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा, “मुझे अच्छी खबर मिली है. हमारी टीम की कड़ी मेहनत की वजह से नई दिल्ली जी 20 नेताओं के शिखर सम्मेलन घोषणा पर आम सहमति बन गई है. मेरा प्रस्ताव इसे अपनाने का है, मैं इस घोषणा को अपनाने का ऐलान करता हूं. इस अवसर पर, मैं अपने शेरपा, मंत्रियों को बधाई देता हूं, जिन्होंने इसके लिए कड़ी मेहनत की और इसे संभव बनाया.”

‘दिल्ली घोषणापत्र पर सौ फीसदी सर्वसम्मति’

शनिवार को एक प्रेस वार्ता के दौरान अमिताभ कांत ने कहा, “जब हमने प्रेसिडेंसी की शुरुआत की थी तो पीएम मोदी ने कहा था कि भारत का राष्ट्रपति समावेशी, निर्णायक और कार्रवाई-उन्मुख होना चाहिए. नई दिल्ली घोषणा में कुल 83 पैरा हैं, और सभी 83 पैरा में सौ फीसदी सभी देशों की सर्वसम्मति है. भू-राजनीतिक मुद्दों पर ‘प्लानिट पीपुल’, शांति और समृद्धि’ शीर्षक वाले आठ पैराग्राफ हैं.

 उन सभी आठ पैराग्राफों में 100 प्रतिशत सर्वसम्मति है.अतिमाभ कांत ने कहा कि सभी देशों ने सर्वसम्मति से नई दिल्ली लीडर्स डिक्लेरेशन का समर्थन किया है. यह बिना किसी फ़ुटनोट और बिना किसी चेयर समरी की एक घोषणा है. यह 100 प्रतिशत सर्वसम्मति वाला एक संपूर्ण बयान है.

 शशि थरूर ने भी शेरपा को सराहा

बता दें कि जी20 शेरपा अमिताभ कांत को यूक्रेन जैसे विवादास्पद मुद्दों पर आम सहमति बनाने के पीछे उनके और उनकी टीम के काम के लिए चौतरफा प्रशंसा मिली है. उनकी तारीफ करने वालों में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद शशि थरूर भी शामिल हैं. शशि शरूर पहले संयुक्त राष्ट्र में अवर महासचिव के रूप में कार्य कर चुके हैं. उन्होंने अमिताभ कांत की सराहना की और कहा कि यह भारत के लिए गर्व का क्षण है. शशि थरूर ने ट्वीट कर लिखा कि शाबाश अमिताभ कांत, ऐसा लगता है कि जब आपने आईएफएस का विकल्प चुना तो आईएफएस ने एक प्रतिष्ठित राजनयिक खो दिया. भारत के लिए यह गर्व का क्षण है.

ये भी पढ़ें- मोरक्को में भीषण भूकंप से मरने वालों की संख्या 2000 के पार, देश में 3 दिन के शोक की घोषणा