Exclusive: “जो भी आएगा, वो…” : अमेठी से राहुल या प्रियंका गांधी के उतरने की चर्चा पर स्मृति ईरानी

अमेठी और रायबरेली दोनों कांग्रेस का गढ़ माना जाता है. पिछले चुनाव में राहुल गांधी अमेठी से हार गए थे. केरल की वायनाड सीट से जीतकर वो संसद पहुंचे थे. राहुल इस बार भी वायनाड से प्रत्याशी हैं. उनकी सीट पर 26 अप्रैल को वोटिंग हो चुकी है. माना जा रहा था कि इस बार भी राहुल गांधी अमेठी से चुनावी मैदान में होंगे. सोनिया गांधी के राजस्थान से राज्यसभा जाने के बाद खाली हुई रायबरेली सीट से प्रियंका गांधी के डेब्यू करने की अटकलें लगाई जा रही थीं. लेकिन तमाम अटकलों के बीच कांग्रेस ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं. कांग्रेस इस बार यूपी में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही है. गठबंधन की शर्तों के तहत पार्टी को 17 सीटें मिली हैं. कांग्रेस ने 15 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया, लेकिन अमेठी-रायबरेली सीट पर सस्पेंस बरकरार रखा है. 

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क्या एक तय रणनीति के तहत कांग्रेस ने अमेठी और रायबरेली में उम्मीदवार को लेकर सस्पेंस बरकरार रखा है? इस सवाल के जवाब में स्मृति ईरानी कहती हैं, “पता नहीं वे क्या रणनीति बना रहे हैं. कांग्रेस नेतृत्व जानता है कि अमेठी उनके लिए हारी हुई सीट है. वो इस बार भी हारेंगे. अगर उन्हें जीत का थोड़ा सा भी भरोसा होता, तो उम्मीदवार का ऐलान कर देते.”  

15 साल अमेठी से गायब रहे राहुल गांधी
ईरानी आगे कहती हैं, “अमेठी में राहुल गांधी कैंडिडेट होंगे या प्रियंका गांधी चुनाव लड़ेंगी… कौन लड़ेगा मुझे इसकी परवाह नहीं है. जो आएगा उसकी हार तय है.” उन्होंने आगे कहा, “राहुल गांधी 15 साल यहां से सांसद रहे. 15 साल वो अमेठी से गायब रहे. मैं 5 साल से अमेठी की सांसद हूं. मैंने 5 साल यहां काम किया है. इनमें से 2 साल तो कोरोना महामारी के थे.”

अमेठी के लोगों का कैसा मिल रहा रिस्पॉन्स?

स्मृति ईरानी कहती हैं, “अमेठी के लोगों का BJP के प्रति प्यार और भरोसा दिख रहा है. गर्मी की परवाह किए बिना बड़ी संख्या में लोग जनसभा में पहुंच रहे हैं. मैंने कम से कम 145 सभाएं की हैं. पार्टी ने 325 से ज्यादा कार्यक्रम आयोजित किए हैं. मुझे अमेठी का उम्मीदवार बनाने के लिए मैं पीएम मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और सीएम योगी का शुक्रिया अदा करती हूं. पार्टी के नेताओं ने मुझे जो समर्थन दिया, इसके लिए मैं उनकी आभारी हूं. तथ्य यह है कि अमेठी में 450 स्थानों ने हमें अभियान के लिए बुलाया, यह एक अच्छा संकेत है.”

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अमेठी के लोगों को मोदी की गारंटी पर भरोसा

स्मृति कहती हैं, “अमेठी की जनता मोदी की गारंटी को समझती है. उन्हें अच्छी तरह से मालूम है कि अगर पीएम मोदी नहीं हैं, तो उनका दर्द समझने वाला उनकी समस्याएं सुलझाने वाला कोई नहीं है. BJP ने 10 साल में जितना काम किया है, उतना कोई और पार्टी नहीं कर सकती.”

 

बूथ पर कम आ रहे कांग्रेस के वोटर्स 

पहले और दूसरे फेज के मतदान में कम वोट प्रतिशत पर राजनीतिक पंडितों ने चिंता जाहिर की है. क्या कम वोट पर्सेंटेज से कुछ संकेत मिल रहा है? इसके जवाब में स्मृति ईरानी कहती हैं, “BJP के वोटरों में खासा उत्साह है. लेकिन बूथ पर कांग्रेस मतदाता ही कम आ रहे हैं. हमें भारत का नागरिक होने के नाते लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए वोट जरूर डालना चाहिए. मैं सभी से वोट डालने की अपील करती हूं.”

अमेठी सीट पर हमेशा गांधी परिवार का दबदबा रहा है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी यहां से लगातार तीन बार सांसद रहे. लेकिन, 2019 के चुनाव में स्मृति ईरानी के हाथों उन्हें हार का सामना करना पड़ा.

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2004, 2009 और 2014 में अमेठी से जीते थे राहुल गांधी

अमेठी सीट गांधी परिवार की सबसे सुरक्षित सीट मानी जाती रही है. यहां से संजय गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी चुनाव जीत चुके हैं. राहुल गांधी 2004, 2009 और 2014 में इस सीट से चुनकर लोकसभा पहुंचे थे. लेकिन 2019 के चुनाव में अमेठी में सबसे बड़ा उलटफेर देखा गया था. 

अमेठी में पोस्टर वॉर भी शुरू

अमेठी में कांग्रेस का उम्मीदवार कौन? इसे लेकर पोस्टर वॉर भी शुरू हो गया है. अमेठी के कांग्रेस ऑफिस और गौरीगंज के कांग्रेस ऑफिस समेत अन्य जगहों पर राहुल गांधी के जीजा यानी प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा को अमेठी से चुनाव लड़वाने की मांग को लेकर पोस्टर लगाए गए हैं. इन पोस्टरों में लिखा गया है- ‘अमेठी की जनता करे पुकार, रॉबर्ट वाड्रा अबकी बार’… निवेदक अमेठी की जनता. हालांकि, विवाद के बाद ये पोस्टर हटा लिए गए हैं.