NEET-UG के केंद्रवार परिणाम घोषित, गुजरात के राजकोट ने चौंकाया


नई दिल्‍ली:

NEET-UG परीक्षा में कथित धांधली के आरोपों के बीच एनटीए ने परिणाम घोषित कर दिये हैं. राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) के केंद्रवार और शहरवार परिणाम शनिवार को घोषित कर दिए, जिसमें कई चौंकानेवाले नतीजे देखने को मिले हैं. यह परीक्षा कथित अनियमितताओं को लेकर जांच के घेरे में है. नीट परिणाम के आंकड़ों का विश्लेषण करने से यह पता चला कि पेपर लीक और अन्य अनियमितताओं से कथित रूप से लाभान्वित हुए अभ्यर्थियों का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है, लेकिन कुछ केंद्रों में कई छात्रों ने परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन किया है.

पेपर लीक मामले का केस कोर्ट में

एनटीए अधिकारियों ने कुछ केंद्रों पर अच्छा प्रदर्शन करने वाले छात्रों की अधिक संख्या के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब नहीं दिया. नीट-यूजी परीक्षा पांच मई को 571 शहरों के 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी, जिसमें 32 लाख अभ्यार्थी शामिल हुए थे. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इन्हें इस प्रारूप में प्रकाशित किया गया है. कोर्ट पेपर लीक सहित परीक्षा कराने में कथित अनियमितताओं के संबंध में कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है.

पहले से यहां खराब रहे नतीजे
 

नीट यूजी परीक्षा में कथित अनियमितताओं के लिए जांच के दायरे में आए केंद्रों पर परीक्षा देने वाले अभ्यार्थियों का प्रदर्शन तुलनात्मक रूप से काफी खराब था. इन केंद्रों में झारखंड के हजारीबाग का ओएसिस स्कूल, हरियाणा के झज्जर का हरदयाल पब्लिक स्कूल, गुजरात के गोधरा का जय जलाराम इंटरनेशनल स्कूल शामिल है.

राजकोर्ट के छात्रों ने चौंकाया

एनटीए द्वारा जारी आंकड़ों के विश्लेषण के अनुसार, कुछ केंद्रों में अधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्रों की संख्या अधिक है. उदाहरण के लिए, गुजरात के राजकोट में स्थित आर.के. विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग के एक केंद्र पर 240 से अधिक अभ्यर्थियों ने 600 से अधिक अंक प्राप्त किए हैं, जिनमें से 12 अभ्यर्थियों को 720 में से 700 से अधिक अंक प्राप्त हुए हैं. राजस्थान के सीकर स्थित मंगल चंद डिडवानिया विद्या मंदिर केंद्र में चार छात्रों को 700 से अधिक अंक, 45 छात्रों को 650 से अधिक अंक तथा 115 अभ्यार्थियों को 600 से अधिक अंक प्राप्त हुए हैं. सीकर स्थित एक अन्य केंद्र अरावली पब्लिक स्कूल में 90 अभ्यार्थियों ने नीट-यूजी की परीक्षा में 600 से अधिक अंक प्राप्त किए.

79,500 से अधिक छात्रों ने 600 से अधिक अंक

सीकर के एक अन्य केंद्र में भी 83 छात्रों ने 600 से अधिक लेकिन 700 से कम अंक प्राप्त किए हैं. सीकर में 27,000 से अधिक छात्रों ने नीट-यूजी की परीक्षा दी थी, जिसमें से 4,200 से अधिक ने 600 से अधिक अंक प्राप्त किए तथा 2,000 से अधिक ने 450 से अधिक अंक हासिल किए. नीट-यूजी परिणाम के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि कुल मिलाकर, 30,204 छात्रों ने 650 और उससे अधिक अंक प्राप्त किए हैं, जो कि देश भर में 23.22 लाख उम्मीदवारों का 1.3 प्रतिशत है. वहीं, 79,500 से अधिक छात्रों ने 600 से अधिक अंक हासिल किए हैं. इन अभ्यर्थियों को शीर्ष 30,000 में स्थान मिलेगा और वे सरकारी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश ले पाएंगे. इनमें से अकेले सीकर के 2,037 छात्र सरकारी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश ले पाएंगे.

क्‍या हरियाणा में उठ गया पर्दा 

हरियाणा के रोहतक स्थित मॉडल स्कूल केंद्र के 45 अभ्यर्थियों ने 600 से अधिक अंक प्राप्त किए, जबकि लखनऊ के एसडीएसएन महाविद्यालय केंद्र के 45 से अधिक छात्रों ने 600 से अधिक अंक प्राप्त किए. इन केंद्रों पर इन छात्रों के अंक 700 से कम थे. हरियाणा के झज्जर में हरदयाल पब्लिक स्कूल केंद्र पर नीट-यूजी की संशोधित परीक्षा देने वाले किसी भी अभ्यार्थी को 682 से अधिक अंक नहीं मिले हैं. यह केंद्र उस समय जांच के घेरे में आ गया था, जब पांच मई को वहां मेडिकल प्रवेश परीक्षा देने वाले छह उम्मीदवारों को 720 में से 720 अंक मिले थे.

बिहार के पटना में एएन कॉलेज केंद्र पर 29 छात्रों ने 650 से अधिक अंक प्राप्त किए, जबकि होली मिशन सेकेंडरी स्कूल में 21 छात्रों ने 650 से अधिक अंक तथा दो छात्रों ने 700 अंक प्राप्त किए. नीट-यूजी की पहली परीक्षा में जिन केंद्रों पर विसंगतियां पाई गई थीं, वहां के अभ्यर्थियों के अंक संशोधित परीक्षा में कम रहे हैं. उदाहरण के लिए, झारखंड के हजारीबाग में ओएसिस स्कूल के प्रधानाचार्य को नीट परीक्षा में कथित अनियमितता के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है. इस केंद्र पर 701 उम्मीदवारों में से केवल पांच (0.71 प्रतिशत) ही शीर्ष एक प्रतिशत में पहुंच पाए, जो कि पूरे हजारीबाग के लिए 0.66 प्रतिशत सफलता दर के समान है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि अभ्यर्थियों की पहचान उजागर नहीं करते हुए परिणाम घोषित किए जाएं. न्यायालय कहा था कि वह यह पता लगाना चाहता है कि कथित विवादित केंद्रों पर परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों को अन्य स्थानों पर परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों की तुलना में अधिक अंक तो नहीं मिले हैं. इस मामले में अगली सुनवाई 22 जुलाई को होगी.

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