राजकोट पुलिस की जांच में पता चला है कि जिस गेमिंग जोन (Fire in game zone Rajkot)में आग लगने से 9 बच्चों समेत 32 लोगों की जान गई है, उसके पास फायर NOC ( नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) तक नहीं था. पुलिस ने इस गेमिंग जोन के मालिक के खिलाफ अलग-अलग धाराओं में मामला दर्ज किया है. पुलिस ने इस गेमिंग जोन के मालिक और मैनेज को भी गिरफ्तार किया है.
ये मानव निर्मित आपदा : HC
राजकोट अग्नीकांड पर गुजरात हाईकोर्ट (Gujarat High Court) ने भी संज्ञान लिया है. कोर्ट ने इसे एक मानव निर्मित आपदा बताया है. साथ ही कोर्ट ने राजकोट नगर निगम से इस मामले को लेकर स्पष्टीकरण भी मांगा है.
गेम जोन में थे ज्वलनशील पदार्थ, फायर एनओसी भी नहीं थी
सूत्रों के अनुसार, टीआरपी गेमिंग जोन (TRP Game Zone)के एक हिस्से में मरम्मत का काम चल रहा था. इस वजह से यहां पेट्रोल-डीजल और प्लाई वुड रखे हुए थे. आग लगने के बाद पेट्रोल-डीजल की वजह से यह और तेजी से फैला औऱ देखते ही पूरा गेमिंग जोन इसकी जद में आ गया.
सिलेंडर धमाके से लगी आग
सूत्रों के अनुसार दिल्ली के विवेक विहार स्थित बेबी केयर सेंटर (Baby Care Centre Fire) में शनिवार रात करीब 11 बजे आग लगी. आग लगने की वजह सिलेंडर ब्लास्ट को माना जा रहा है. हालांकि अभी इसकी जांच हो रही है. सिलेंडर में धमाके के बाद आग पूरी इमारत में फैल गई. जिस समय आग लगी उस दौरान इस बेबी केयर सेंटर में कुल 12 बच्चे थे. आग लगने की सूचना मिलने के बाद बेबी केयर सेंटर से 5 बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सका है. इन सभी बच्चों को फिलहाल इलाज चल रहा है.