अब हिंडन नदी उफान पर, गाजियाबाद के कई गांवों में घुसा पानी, पीने के पानी की किल्लत

गाजियाबाद के एसीपी भास्कर वर्मा ने NDTV को बताया, “लोगों को नदी से दूर रहने की सलाह दी गई थी. ये बच्चे बाढ़ देखने चले गए थे. सूचना मिलने पर हमने सर्च ऑपरेशन चलाया. शवों को बाहर निकाला गया है.”

गाजियाबाद के कई गांव बाढ़ की चपेट में

यमुना की सहायक नदी हिंडन में बाढ़ से इसके किनारे पड़ने वाले गाजियाबाद के कई गांव चपेट में आ गए हैं. गाजियाबाद के साहिबाबाद इलाके और ग्रेटर नोएडा के कुछ इलाकों में भी बाढ़ का पानी घुस गया है. सबसे ज्यादा नुकसान मोहन नगर के करहेड़ा गांव में हो रहा है. यहां बाढ़ का पानी लोगों के घरों तक घुस आया है. यहां चार से पांच फुट तक पानी जमा है. बाढ़ की वजह से लोगों के घर डूब गए. सामान और फसल बर्बाद हो गया. ऐसे में बहुत से लोग गांव छोड़कर चले गए हैं. कई घरों में अब ताला लटका हुआ है.

1978 के बाद पहली बार ऐसे हालात

गाजियाबाद में 1978 के बाद पहली बार ऐसे हालात दिखे हैं. करहेड़ा निवासी संजीव कुमार शर्मा कहते हैं, “पीने के पानी के लिए बहुत दिक्कत हो रही है. लाइट भी नहीं है. हालांकि प्रधानजी ने पानी की व्यनस्था की बात कही है. जगह-जगह पानी के टैंकर भी रखवाए गए हैं. लेकिन कॉलोनी में पानी जमा होने के कारण टैंकर अभी नहीं पहुंच पाया है.”

संजीव कुमार शर्मा कहते हैं, “मैं यहां 15-20 साल से रह रहा हूं. लेकिन इस तरह की बाढ़ पहली बार देख रहा हूं. इससे पहले 1978 में ऐसी बाढ़ आई थी.” गांव में पीने के पानी के लिए बेशक टैंकर का इंतजाम किया गया है. लेकिन इतने जलभराव में पानी का कंटेनर भरकर घर ले जाना भी आसान नहीं है. 

नोएडा के भी कई इलाकों में पानी भरा पानी

गाजियाबाद के अलावा नोएडा के भी कई इलाकों में पानी भरने से आम जन जीवन प्रभावित हो रहा है. बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए रिलीफ कैंप लगाए गए हैं. 

यूपी के कुल 13 जिले बाढ़ग्रस्त

गंगा और यमुना नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी होने से यूपी के कुल 13 जिले बाढ़ग्रस्त हैं. अलीगढ़, बदायूं, बिजनौर, फर्रूखाबाद, फिरोजाबाद, गाजियाबाद, कासगंज, नोएडा, सहारनपुर, शाहजहांपुर, शामली जिलों के 331 गांव बाढ़ की चपेट में हैं. 4 लोगों की मौत की भी खबर है. आपदा प्रबंधन विभाग ने 25 हजार से ज्यादा लोगों के बचाव के लिए 61 शेल्टर होम बनाए हैं.

दिल्ली को कुछ राहत

दूसरी ओर, बाढ़ से दिल्ली में कुछ राहत है. यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर जरूर है, मगर ये पूर्वानुमान से कम है. सोमवार को यमुना का जलस्तर धीरे-धीरे घटता हुआ भी नजर आया है. रविवार को लोहे के पुल से ट्रेनों की आवाजाही बंद कर दी गई थी. सोमवार ये फिर से शुरू कर दी गई है.

प्रशासन ने सोमवार को भी लोगों को निचले इलाकों में न जाने की सलाह दी. फिर भी निचले इलाकों में रह रहे कुछ लोग अपना घर छोड़कर जाने को तैयार नहीं हैं. प्रशासन ने उनसे रिलीफ कैंप में जाने की सलाह दी है.

ये भी पढ़ें:-

गाजियाबाद में बाढ़ से पिकनिक स्पॉट सिटी फॉरेस्ट तबाह, प्रशासन लोगों को डोनेट कर रहा खरगोश

VIDEO: यमुना में मिलने वाली हिंडन नदी का पानी लाल क्यों हो गया? जानिए क्या है कारण