अलविदा 2023 : भारतीय शेयर बाजार में क्यों आया जबरदस्त उछाल?

खास बातें

  • FII ने चीन के मुकाबले भारत को दी तरजीह
  • अमेरिकी सेंट्रल बैंक ने ब्याज दरें स्थिर रखीं
  • विधानसभा चुनावों में BJP की जीत, लोकसभा चुनावों में NDA की वापसी की आशा

नई दिल्ली :

Indian stock market 2023: शुक्रवार साल 2023 में शेयर बाजार का आखिरी दिन रहा. सेंसेक्स 72,240 अंकों पर जाकर बंद हुआ. हालांकि आज सेंसेक्स करीब 170 अंक गिरा, लेकिन इस पूरे साल इसकी रफ्तार बहुत तेज रही. साल के शुरू में किसी ने उम्मीद नहीं की थी कि सेंसेक्स 72,000 का आंकड़ा पार कर जाएगा. इसी तरह निफ्टी भी 21,731 अंकों पर बंद हुआ. क्या यह एक इशारा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था कुलांचे भर रही है? आखिर इस उछाल की वजह क्या है? 

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वेल्यू रिसर्च के सीईओ धीरेंद्र कुमार से NDTV ने इस बारे में बातचीत की. उन्होंने कहा कि भारतीय बाजार में जो बड़ा बदलाव है, इसके नंबर्स तो बड़े इम्प्रेसिव हैं. 2023 बहुत शानदार साल रहा है. बीएसई जो बहुत ब्रॉड बेस्ड इंडेक्स है, वह करीब 25 प्रतिशत बढ़ा है. अगर हम म्युचुअल फंड की बात करें, तो ढेर सारी स्माल कैप,मिड कैप, मल्टी कैप फंड हैं, जहां पर 40-50 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है. 

उन्होंने कहा कि यह साल बहुत ही खुशहाली लाया. खुशहाली की एक और वजह है. पहले लोग सीजन में आते थे, एक साथ पैसा लगाते थे, डिसअपाइंटेड होते थे, या कुछ समय के लिए खुश होते थे.  बाजार में जो एसआईपी का दौर शुरू हुआ है.. लोग धीरे-धीरे लगाते हैं.. कई सालों तक बने रहते हैं..बाजार गिरता है तब भागते नहीं हैं. इस वजह से यह खुशहाली बरकरार रह पाई है. अभी भी निवेशकों का पैसा लगना जारी है. अब कायदे से बाजार में पैसा आम निवेशक का लगता है. 

उन्होंने कहा कि FII (विदेशी संस्थागत निवेशक) यदि कम समय में ढेर सारे शेयर बेचेंगे.. इनका बड़ा प्रतिशत हमारे इंडेक्स को ड्रेग करता है. एफआईआई का थोड़ा बेचने पर हमारे बाजार पर उसका भारी असर होता है. लेकिन विस्तृत बाजार पर इसका असर नहीं हो रहा है क्योंकि डोमेस्टिक मार्केट में डोमेस्टिक इनवेस्टर्स का इनफ्लुएंस और सिग्नीफिकेंस काफी बढ़ गया है.                  

अलग-अलग समय पर क्या रही शेयर बाजार की रफ्तार- 

सेंसेक्स

 

बीते 1 महीने में 5,251.82 (7.84%) उछाल

बीते 6 महीनों में 7,521.70 (11.62%) उछाल

बीते एक साल में 11,399.52 (18.74%) उछाल

शेयर बाजार से जुड़ी जानकारियों के लिए डीमैट अकाउंट्स होते हैं. भारत में डीमैट अकाउंट की संख्या लगातार बढ़ रही है. सेंट्रल डिपॉज़िटरी सर्विस एंड नेशनल सिक्योरिटीज़ डिपॉज़िटरी के डेटा के मुताबिक अगस्त 2023 में 31 लाख से ज़्यादा डीमैट अकाउंट खुले. जनवरी 2022 के बाद से नए अकाउंटों की यह सर्वोच्च संख्या है. अब तक कुल 12.66 करोड़ से ज़्यादा डीमैट अकाउंट खुले हैं.