इस बार इलाहाबाद में भारतीय वायुसेना दिवस, रफाल, सुखोई समेत चिनूक और अपाचे दिखाएंगे अपना दमखम

भारतीय वायु सेना

नई दिल्ली:

भारतीय वायुसेना दिवस इस बार इलाहाबाद में मनाया जाएगा. वायुसेना के मुताबिक ये फैसला देश के अलग-अलग हिस्सों में वायुसेना दिवस समारोह की मेजबानी की नई परंपरा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है. हर साल 8 अक्टूबर को वायुसेना दिवस मनाया जाता है. इसी दिन 1932 में भारतीय वायुसेना की स्थापना की गई थी.

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इस बार औपचारिक परेड मध्य कमान के बमरौली में होगी. 91वें वायुसेना दिवस पर फ्लाई पास्ट संगम क्षेत्र पर होगा. रफाल, सुखोई, जगुवार, मिग-29, तेजस, चिनूक और अपाचे जैसे एयरकाफ्ट गंगा और यमुना नदी के संगम पर अपना दमखम दिखाएंगे. वहीं हॉक विमानों से लैस सुर्यकिरण टीम और सारंग हेलीकॉप्टर की टीम हवाई हैरतअंगेज करतब दिखाएंगे, जिसे देखकर लोग दांतों तले उंगली दबाने को मजबूर हो जाएंगे.

ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट सी-130 और सी-17 भी फ्लाई पास्ट में हिस्सा लेंगे. वहीं अटैक हेलीकॉप्टर प्रचंड और रुद्रा भी अपनी क्षमता दिखाएंगे.

यह दूसरा मौका है जब दिल्ली एनसीआर से बाहर वायुसेना दिवस मनाया जा रहा है. पिछले साल चंडीगढ़ में वायुसेना दिवस मनाया गया था. चंडीगढ़ एयरबेस पर परेड हुई थी और सुकना लेक के उपर फ्लाई पास्ट हुआ था. 2022 से पहले वायुसेना दिवस गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर और उससे पहले दिल्ली के पालम एयरबेस पर मनाया जाता था.

स्थापना दिवस के मौके पर वायुसेना अपनी ताकत का प्रदर्शन करती है. दुनियां की चौथी सबसे बड़ी वायुसेना अपने देश वासियों को भरोसा दिलाती है कि उसके रहते देश की हवाई सीमा पूरी तरह सुरक्षित है और किसी ने भी आंख दिखाने की कोशिश की तो उसका करारा जवाब दिया जाएगा. भारतीय वायुसेना को चीन और पाकिस्तान से लगातार चुनौतियां मिलती है, जिसका वह समय-समय पर मुंहतोड़ जवाब देती रहती है.

वायुसेना केवल सीमा पर दुश्मनों से मुकाबला नहीं करती है, बल्कि आपदा के वक्त भी लोगों की मदद करती है. कहीं बाढ़ आई हो या कहीं आग लगी हो, हर जगह मदद के लिये वायुसेना आगे रहती हैं.