चिराग पासवान को INDIA गठबंधन से मिला बड़ा ऑफर, क्या बिहार में NDA को लगेगा झटका?

चिराग पासवान लंबे समय से पीएम मोदी के करीबी माने जाते रहे हैं (फाइल फोटो)

खास बातें

  • चिराग पासवान नीतीश कुमार के एनडीए में वापसी से सहज नहीं हैं
  • हाजीपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं चिराग
  • राजद और लोजपा के बीच पहले भी गठबंधन हो चुके हैं

नई दिल्ली:

बिहार में लोकसभा चुनाव को लेकर एनडीए और इंडिया गठबंधन (INDIA Alliance) में सीटों के बंटवारे पर पेंच फंसा हुआ है. इस बीच जानकारी के अनुसार इंडिया गठबंधन ने चिराग पासवान (Chirag Paswan) की पार्टी को अपने पाले में लाने की कवायद शुरू कर दी है. खबरों के अनुसार विपक्षी गठबंधन की तरफ से चिराग पासवान की पार्टी को बिहार में 8 और यूपी में 2 सीटों का ऑफर दिया गया है. अभी तक लोजपा रामविलास की तरफ से इस मुद्दे पर कुछ भी बयान नहीं दिया गया है लेकिन पार्टी के अंदर इसे लेकर मंथन जारी है. 

नीतीश कुमार की एनडीए में एंट्री के बाद से इस बात की चर्चा है कि चिराग पासवान एनडीए में सहज नहीं हैं. वहीं नीतीश कुमार भी चिराग पासवान को एनडीए में बहुत अधिक अहमियत देने के पक्ष में नहीं हैं.

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एनडीए से चिराग पासवान की क्या है मांग?

चिराग पासवान अपने आप को रामविलास पासवान का असली उत्तराधिकारी मानते हैं. उनका कहना है कि बीजेपी उन्हें उतनी सीटे दे जो पिछले चुनाव में लोजपा को दी गयी थी. साथ ही चिराग पासवान हाजीपुर सीट से भी चुनाव लड़ना चाहते हैं. वहीं उनके चाचा पशुपति पारस किसी भी हालत में हाजीपुर सीट छोड़ने से मना करते रहे हैं. उनका कहना है कि संपत्ति का उत्तराधिकारी चिराग पासवान हो सकते हैं लेकिन राजनीतिक उत्तराधिकारी मैं ही हूं.  

चिराग पासवान और पशुपति पारस में फंस गया है पेंच

चिराग पासवान की और पशुपति पारस के बीच सीटों पर सबसे ज्यादा पेंच फंसता दिख रहा है. चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति पारस अपने अपने दल को असली लोजपा (लोकजन शक्ति पार्टी) बता रहे हैं. कहा जा रहा है कि पारस सीटिंग गेटिंग के फॉर्मूले पर सीट मांग रहे हैं. जबकि चिराग पासवान अपने को रामविलास पासवान के वोट बैंक का असली वारिस बता कर सीटें मांग रहे हैं. 

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राजद और लोजपा में पहले भी हो चुके हैं गठबंधन

बिहार की राजनीति में राजद और लोजपा पहले भी मिलकर चुनाव लड़ चुके हैं. साल 2004 के लोकसभा चुनाव में राजद, लोजपा और कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ा था और इस गठबंधन को शानदार सफलता मिली थी. हालांकि साल 2009 के लोकसभा चुनाव में राजद और लोजपा साथ थे लेकिन कांग्रेस इस गठबंधन से अलग हो गयी थी और राजद-लोजपा गठबंधन को हार का सामना करना पड़ा था. 2010 में हुए विधानसभा चुनाव में भी राजद लोजपा गठबंधन को हार का सामना करना पड़ा था. जिसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में लोजपा एनडीए मे शामिल हो गयी. लालू परिवार और रामविलास पासवान के परिवार के रिश्ते हमेशा से अच्छे रहे हैं. 2009 के चुनाव में जब रामविलास पासवान चुनाव हार गए थे तो उन्हें राजद की तरफ से राज्यसभा भेजा गया था. 

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उपेंद्र कुशवाहा ने कहा- कुछ दिन और कीजिए इंतजार

 राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने भी राज्य में सीट शेयरिंग को लेकर अपनी बात रखी है. उन्होंने कहा है कि उनकी पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव में कितनी सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है, इसका पता NDA की जल्द ही होने वाली बैठक के बाद चल जाएगा. बताते चलें कि उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी बिहार में तीन सीटों पर दावा करती रही है. हालांकि एनडीए के मौजूदा हालत में उन्हें तीन सीटें मिलने की कम संभावना जतायी जा रही है. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी को एनडीए में 3 सीटें मिली थी. हालांकि उस समय जदयू एनडीए का हिस्सा नहीं था. 

बीजेपी और जदयू में बन गयी है बात? 

सूत्रों से मिली खबर के अनुसार भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर बातचीत आखिरी दौर में है. और ऐसा माना जा रहा है कि इन दोनों पार्टियों के बीच सीटों को लेकर  बात बन चुकी है और इसका किसी भी वक्त औपचारिक तौर पर ऐलान हो सकता है. जदयू की तरफ से दावे हो रहे हैं कि दोनों ही दलों के बीच अपनी-अपनी जीती हुई सीट को लेकर सहमति है.

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जनता दल यूनाइटेड के नेता केसी त्यागी ने मंगलवार को एनडीटीवी से बात करते हुए कहा था कि जदयू और बीजेपी अपनी-अपनी जीती हुई सीटों पर चुनाव लड़ेगी. जो भी अन्य दल हैं वो बाकी बचे सीटों में एडजस्ट किए जाएंगे.

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