“तुम भारतीय हो” : अमेरिकी लेखिका ने बताया कि वह विवेक रामास्वामी को वोट क्यों नहीं देंगी

विवेक रामास्वामी ने अपने पॉडकास्ट में ऐन कूल्टर के साथ बात की.

नई दिल्ली:

भारतीय-अमेरिकी रिपब्लिकन नेता विवेक रामास्वामी (Indian-American Republican leader Vivek Ramaswamy) के साथ पॉडकास्ट में बात करते हुए अमेरिकी लेखिका ऐन कूल्टर (Ann Coulter) ने कहा कि वह अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में उनके लिए वोट नहीं करती क्योंकि वह एक “भारतीय” हैं. बाद में, रामास्वामी ने माइक्रोब्लॉगिंग वेबसाइट एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि वह कूल्टर का सम्मान करते हैं क्योंकि “उनमें अपने मन की बात कहने की हिम्मत थी.”

रामास्वामी ने पोस्ट में कहा, “ऐन कूल्टर ने मेरे सामने स्पष्ट रूप से कहा कि मैं तुम्हें वोट नहीं देती ‘क्योंकि तुम एक भारतीय हो’, हालांकि वह अन्य उम्मीदवारों की तुलना में मुझसे अधिक सहमत थीं. मैं उससे असहमत हूं लेकिन उसका सम्मान करता हूं कि उनमें साहस था अपने मन की बात कहने के लिए. यह एक रोमांचकारी समय था. ट्रुथ पॉडकास्ट वापस आ गया है.” 

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पॉडकास्ट की शुरुआत से कूल्टर ने भारतीय-अमेरिकी नेता पर कटाक्ष किया. रामास्वामी ने अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए रेस में दौड़ने की कोशिश की, लेकिन अंततः उन्हें डोनाल्ड ट्रंप की उम्मीदवारी का समर्थन करना पड़ा. कूल्टर ने कहा, “मैं आपकी प्रशंसक हूं. पॉडकास्ट को मजेदार बनाने के लिए एक मुद्दा उठाने जा रही हूं. आप बहुत स्पष्टवादी हैं. मुझे लगता है कि मैं आपको स्पष्टवादी कह सकती हूं क्योंकि आप अमेरिकी ब्लैक नहीं हैं  – उनके बारे में ऐसा नहीं कह सकती, यह अपमानजनक है. मैं आपके द्वारा कही गई कई बातों से सहमत हूं, शायद अधिकांश अन्य उम्मीदवारों की तुलना में, लेकिन मैं फिर भी आपको वोट नहीं देती क्योंकि आप एक भारतीय हैं.” 

पॉडकास्ट से पहले रामास्वामी ने स्पष्ट रूप से उल्लेख किया था कि दोनों के बीच चर्चा में कुछ ‘दिलचस्प’ अंश होंगे. उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, “ऐन कूल्टर ने मुझे चुनौती दी. मैंने उसे चुनौती दी. यह एपिसोड आपको चुनौती देगा. आप इसे मिस नहीं करना चाहेंगे.” जब रामास्वामी ने घोषणा की कि वह राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ेंगे और डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की जगह लेंगे, तो ट्रंप ने भारतीय-अमेरिकी नेता की आलोचना करने से काफी हद तक परहेज किया था. हालांकि, जैसे ही रामास्वामी ने खुद को ट्रंप के विकल्प के तौर पर पेश करना शुरू किया आलोचनाएं बढ़ने लगीं क्योंकि मतदाताओं ने देश के पहले कॉकस में अपनी आवाज उठानी शुरू कर दी.