“देश के लिए ऐतिहासिक दिन”, गृहमंत्री अमित शाह भारतीय न्याय संहिता विधेयक 2023 परित होने पर

नई दिल्ली:

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तीन आपराधिक विधेयकों को संसद की मंजूरी मिलने को बृहस्पतिवार को ‘‘ऐतिहासिक” करार दिया और कहा कि इससे देश को अपने नए आपराधिक न्याय कानून मिले संसद के दोनों सदनों ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) विधेयक, 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) विधेयक, 2023 और भारतीय साक्ष्य (बीएस) विधेयक, 2023 को पारित कर दिया. शाह ने कहा कि ये कानून नागरिकों के अधिकारों को सर्वोपरि रखते हुए महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देंगे.

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उन्होंने कहा, ‘‘आज का दिन देश के लिए ऐतिहासिक दिन है, क्योंकि आज भारत को अपने नए आपराधिक न्याय कानून मिले हैं. इस गौरवपूर्ण क्षण पर सभी भारतवासियों को बधाई. आज संसद में पारित तीनों विधेयक अंग्रेजों द्वारा लागू किए गए कानूनों की जगह लेंगे और एक स्वदेशी न्याय प्रणाली का दशकों पुराना स्वप्न साकार होगा.” शाह ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सबको साथ लेकर चलने के संकल्प से प्रेरित ये कानून, नागरिकों के अधिकारों को सर्वोपरि रखते हुए महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देंगे. अत्याधुनिक तकनीकों से सशक्त नए भारत की यह नई न्याय प्रणाली देशवासियों को पारदर्शी और त्वरित न्याय प्रदान करने का काम करेगी.

उन्होंने कहा कि ये नये कानून, अपराध और आतंकवाद के प्रति मोदी सरकार की ‘‘कतई बर्दाश्त नहीं करने” की नीति को सशक्त करेंगे. शाह ने कहा, ‘‘ पहली बार हमारे कानूनों में आतंकवाद, संगठित अपराध और आर्थिक अपराध को परिभाषित किया गया है, जिससे अपराधियों के कानून से बचने के हर रास्ते बंद होंगे.”

उन्होंने कहा कि देश के पास पहली बार ऐसे कानून हैं, जो भगोड़ों की अनुपस्थिति में सुनवाई कर उन्हें सजा दिलाएंगे. शाह ने कहा, ‘‘पहली बार, छोटे अपराधों में ‘सामुदायिक सेवा’ को दंड का रूप देकर व्यक्ति को सुधारने का प्रयास होगा. यह ‘न्याय के लिए दंड’ के भारतीय न्याय दर्शन के सिद्धांत को पुनर्जीवित करेगा.” उन्होंने कहा, ‘‘इस ऐतिहासिक अवसर पर मैं हमारे देश को आत्मनिर्भर बनाने और गुलामी की निशानियों से दूर करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व का आभार व्यक्त करता हूं. मोदी जी ने देश की आपराधिक न्याय प्रणाली को गुलामी की जंजीरों से मुक्ति दिलाई है और आने वाले इन नए कानूनों की आत्मा, सोच, शरीर सब भारतीय है.”

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)