नूंह में हिंदू संगठनों ने सोमवार को शोभायात्रा निकालने का आह्वान किया, मोबाइल इंटरनेट सेवा निलंबित

हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) शत्रुजीत कपूर ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सीमावर्ती राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की और स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए समन्वित प्रयास का आह्वान किया. बैठक में पंजाब, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और केंद्रशासित प्रदेश चंडीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी शामिल हुए. कपूर ने कहा कि प्रशासन ने 3-7 सितंबर के दौरान नूंह में होने वाली जी20 शेरपा समूह की बैठक के मद्देनजर और 31 जुलाई की हिंसा के बाद कानून-व्यवस्था बनाये रखने के लिए यात्रा की अनुमति देने से इनकार कर दिया है.

राज्य सरकार ने सोमवार को आयोजित होने वाली यात्रा से पहले या इसके दौरान असामाजिक तत्वों द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से अफवाह फैलाए जाने की आशंका के चलते संबंधित आदेश जारी किया. नूंह के अधिकारियों ने 28 अगस्त को धार्मिक यात्रा आयोजित करने की अनुमति देने से हाल में इनकार कर दिया था. इससे पहले 31 जुलाई को हुई सांप्रदायिक हिंसा के चलते शोभायात्रा बाधित हो गई थी. सरकार ने सोमवार की प्रस्तावित यात्रा से पहले या उसके दौरान सोशल मीडिया के माध्यम से अफवाहों के फैलने की आशंका को देखते हुए 26-28 अगस्त तक मोबाइल इंटरनेट सेवा निलंबित रखने के फैसले की घोषणा की.

नूंह के उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने फोन पर ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि 28 अगस्त को स्कूल, कॉलेज और बैंक बंद रहेंगे. उन्होंने कहा कि जनता की सामान्य आवाजाही भी प्रतिबंधित है. उन्होंने कहा कि लोगों को अपनी दुकानों को सोमवार को भी बंद रखने की सलाह दी जाती है और सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा आदेशों को सख्ती से लागू किया जाएगा. उन्होंने कहा कि कोई भी यात्रा निकालने की अनुमति नहीं है.

हरियाणा के नूंह में जलाभिषेक यात्रा पर हमले और उसे रोके जाने के कुछ सप्ताह बाद विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने शनिवार को कहा कि 28 अगस्त को इलाके में ‘शोभा यात्रा’ निकाली जाएगी. विहिप ने कहा कि इस तरह के धार्मिक आयोजनों के लिए प्रशासन से अनुमति लेने की कोई जरूरत नहीं है. विहिप ने कहा कि वह हालांकि प्रशासन को ‘शोभा यात्रा’ के बारे में सूचित करेगा और इसके स्वरूप और आकार पर चर्चा के लिए तैयार है, क्योंकि ‘‘हम आगामी जी20 कार्यक्रम को प्रभावित नहीं करना चाहते हैं.”

विहिप के संयुक्त महासचिव सुरेंद्र जैन ने शनिवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यात्रा विहिप नहीं, बल्कि मेवात के सर्व हिंदू समाज द्वारा निकाली जाएगी. उन्होंने कहा, ‘‘सर्व हिंदू समाज ने यात्रा निकालने और संपन्न कराने का निर्णय लिया है… हम भी किसी भी तरह से जी20 के आयोजन पर कोई आंच नहीं आने देना चाहते. हम 28 अगस्त को निकलने वाली यात्रा के आकार और स्वरूप को लेकर प्रशासन से चर्चा करने को तैयार हैं.” उन्होंने हरियाणा के अन्य क्षेत्रों के लोगों से भी अपील की कि वे अपने-अपने इलाकों में इसी तरह की यात्राएं निकालें. उन्होंने कहा, ‘‘हमने लोगों से यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया है कि मेवात के बाहर से कोई भी 28 अगस्त को यात्रा में शामिल न हो.”

मोबाइल इंटरनेट सेवा निलंबित करने का आदेश शनिवार को अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) टीवीएसएन प्रसाद की ओर से जारी किया गया. अधिकारियों ने बताया कि जिला प्रशासन ने एहतियात के तौर पर दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 (निषेधाज्ञा) भी लगा दी है, जिसके तहत एक क्षेत्र में चार या इससे अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगा दी गई है. उन्होंने कहा कि यह आदेश 26 से 28 अगस्त तक प्रभावी रहेगा. इस अवधि के दौरान किसी भी व्यक्ति को लाइसेंसी आग्नेयास्त्र, लाठी आदि हथियार ले जाने की अनुमति नहीं होगी. हरियाणा सरकार ने पहले भी सांप्रदायिक हिंसा के बाद नूंह में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया था.

विहिप की ‘शोभायात्रा’ पर 31 जुलाई को भीड़ द्वारा हमला किए जाने के बाद नूंह में सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई थी, जिसमें दो होमगार्ड और एक इमाम सहित छह लोगों की मौत हो गई थी. शनिवार को जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, पुलिस प्रमुख कपूर ने कहा कि यात्रा के लिए अनुमति नहीं दिए जाने के बावजूद ऐसी जानकारी है कि कुछ संगठनों ने हरियाणा और पड़ोसी राज्यों के लोगों को 28 अगस्त को नूंह पहुंचने के लिए आमंत्रित किया है. कपूर ने कहा कि प्रस्तावित यात्रा के मद्देनजर हरियाणा पुलिस द्वारा सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की गई हैं. उन्होंने कहा कि कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है और एहतियात के तौर पर नूंह में मोबाइल इंटरनेट बंद कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि लोगों की किसी भी तरह की भीड़ को रोकने के लिए अंतरराज्यीय बैरिकेडिंग भी की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि किसी को भी कानून हाथ में लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी.

कपूर ने कहा कि अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) ममता सिंह नोडल अधिकारी होंगी और नूंह में तैनात रहेंगी. उन्होंने सीमावर्ती राज्यों के पुलिस अधिकारियों से कहा कि यदि सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाली कोई घटना उनके संज्ञान में आती है, तो उसे सही समय पर साझा किया जाना चाहिए, ताकि समय रहते प्रतिरोधक कार्रवाई की जा सके.

इससे पहले शुक्रवार को नूंह के उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) को पत्र लिखकर अवगत कराया था कि ‘सर्व जातीय हिंदू महापंचायत’ में जिले में 28 अगस्त को फिर से ‘ब्रजमंडल शोभायात्रा’ निकालने का आह्वान किया गया. उपायुक्त ने आवश्यक निर्देश जारी करने का अनुरोध करते हुए लिखा, ‘‘किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए नूंह जिले में सभी मोबाइल इंटरनेट और बल्क एसएमएस (एक साथ काफी संख्या में संदेश भेजने) सेवा को बंद करना जरूरी है.”

प्रसाद ने शनिवार को जारी अपने आदेश में कहा कि मोबाइल इंटरनेट, बल्क एसएमएस (बैंकिंग और मोबाइल रीचार्ज को छोड़कर) को अस्थायी तौर पर बंद किया जा रहा है. इसके अलावा वॉयस कॉल को छोड़कर मोबाइल नेटवर्क पर प्रदान की जाने वाली सभी डोंगल सेवा भी अस्थायी रूप से बंद रहेंगी. यात्रा आह्वान के मद्देनजर गुरुग्राम और फरीदाबाद समेत नूंह के पड़ोसी जिलों को सतर्कता बरतने को कहा गया है.

फरीदाबाद पुलिस के मुताबिक, उसके संज्ञान में आया है कि कुछ असामाजिक तत्व सोशल मीडिया के जरिये भ्रामक खबरें फैला रहे हैं कि यात्रा को अनुमति दे दी गई है और लोगों को इसमें शामिल होने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं. ऐसे लोगों पर नजर रखी जा रही है और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

इस बीच, चंडीगढ़ में कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा से जब प्रस्तावित यात्रा के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यात्राएं आयोजित करना हर किसी का अधिकार है. हुड्डा ने कहा, ‘‘यात्राओं पर किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए, लेकिन सरकार को इसकी गंभीरता को देखते हुए हर मामले में एहतियात बरतनी चाहिए. पिछली बार सब कुछ जानने के बावजूद सरकार ने यात्रा की सुरक्षा को लेकर उचित कदम नहीं उठाए और भड़काऊ बयानों पर सरकार ने संज्ञान नहीं लिया और इस कारण हिंसा हुई.” हुड्डा ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान भी धार्मिक यात्राएं निकाली गईं थीं, लेकिन कभी हिंसा की कोई घटना नहीं हुई. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार में ऐसी घटनाएं आम हो गईं हैं.