“नौसेना को सलाम “: अदन की खाड़ी में जहाज पर हुए मिसाइल अटैक के बाद भारतीय युद्धपोत ने पहुंचाई मदद

नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल ने बताया कि एमवी मार्लिन लुआंडा के चालक दल के साथ भारतीय नौसेना के अग्निशमन दल ने छह घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया. जहाज पर मिसाइल हमला कथित तौर पर ईरान समर्थित हूती आतंकवादियों द्वारा किया गया. यह हमला लाल सागर के साथ-साथ अदन की खाड़ी में सुरक्षा स्थिति को लेकर बढ़ती वैश्विक चिंताओं के बीच हुआ. इस जहाज का संचालन ब्रिटेन की कंपनी ओसियोनिक्स सर्विसेज द्वारा किया जा रहा था.

जहाह के कप्‍तान ने कहा- नौसेना को सलाम 

नौसेना ने व्यापारी जहाज के कप्तान का एक वीडियो भी साझा किया, जिसमें वह एसओएस कॉल का जवाब देने के लिए युद्धपोत के कर्मियों को धन्यवाद दे रहा है. जहाज के कप्‍तान अभिलाष रावत ने कहा, “मैं भारतीय नौसेना के युद्धपोत आईएनएस विशाखापत्तनम को धन्यवाद देता हूं. हमने इस आग से लड़ने की सारी उम्मीद खो दी थी. भारतीय नौसेना को सलाम, जिसके विशेषज्ञ आग से लड़ने के लिए जहाज पर आए. भारतीय नौसेना हमारी मदद के लिए आगे आई.” 

हूती विद्रोही बीते वर्ष नवंबर से लाल सागर और आसपास के इलाकों में वाणिज्यिक जहाजों को निशाना बना रहे हैं. वे जाहिर तौर पर गाजा में इजरायल के सैन्य हमले के जवाब में जहाजों को निशाना बना रहे हैं. 

INS विशाखापत्तनम मदद के लिए आगे बढ़ा…

मधवाल ने कहा, “एमवी मार्लिन लुआंडा द्वारा की गई संकटकालीन कॉल के जवाब में आईएनएस विशाखापत्तनम सहायता प्रदान करने के लिए आगे बढ़ा था. एक अमेरिकी और फ्रांसीसी युद्धपोत ने भी संकटकालीन कॉल का जवाब दिया.” उन्होंने कहा कि आईएनएस विशाखापत्तनम की अग्निशमन दल में विशेषज्ञ अग्निशमन उपकरणों के साथ 10 भारतीय नौसेना कर्मी शामिल थे जो शनिवार तड़के एमवी मार्लिन लुआंडा पर पहुंचे. मधवाल ने कहा, “एमवी मार्लिन लुआंडा के चालक दल के साथ भारतीय नौसेना के अग्निशमन दल ने छह घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया है.”

चालक दल में 22 भारतीय और एक बांग्‍लादेशी 

नौसेना ने दिन में एक बयान में कहा था कि एमवी मार्लिन लुआंडा के अनुरोध पर, आईएनएस विशाखापत्तनम ने संकट में फंसे जहाज द्वारा मांगी गई मदद का जवाब दिया था, जिसके चालक दल में 22 भारतीय समेत एक बांग्लादेशी व्यक्ति था. संकट में फंसे जहाज के चालक दल के सदस्यों के अग्निशमन प्रयासों में सहायता के लिए अग्निशमन उपकरणों के साथ नौसेना की एनबीसीडी टीम को तैनात किया गया था.

लगातार हो रहे हमले…

इस महीने की शुरुआत में, भारतीय नौसेना ने 17 जनवरी की रात को अदन की खाड़ी में एमवी जेनको पिकार्डी पर ड्रोन हमले के बाद उसके संकटकालीन कॉल का जवाब दिया था और पांच जनवरी को, इसने लाइबेरिया के ध्वज वाले जहाज एमवी लीला नॉरफोक के उत्तरी अरब सागर में अपहरण के प्रयास को विफल कर दिया था और उसके सभी चालक दल के सदस्यों को बचाया था.

इससे पहले, 21 भारतीय चालक दल के सदस्यों वाले लाइबेरिया के ध्वज वाले जहाज एमवी केम प्लूटो को 23 दिसंबर को भारत के पश्चिमी तट के पास ड्रोन हमले से निशाना बनाया गया था.

एमवी केम प्लूटो के अलावा, एक अन्य वाणिज्यिक तेल टैंकर जो भारत की ओर आ रहा था, उसी दिन दक्षिणी लाल सागर में एक संदिग्ध ड्रोन हमले का शिकार हो गया. जहाज पर 25 भारतीयों का दल था.

व्यापारिक जहाजों पर हमलों की हालिया घटनाओं के मद्देनजर भारतीय नौसेना ने अरब सागर और अदन की खाड़ी में अग्रिम पंक्ति के विध्वंसक और पोत तैनात करके अपने निगरानी तंत्र को काफी बढ़ा दिया है.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)