“पापा, मुझे बचा लो”: कैसे एक डेटिंग ऐप पर जाल में फंसे जयपुर के युवक को मिली मौत

लेकिन फरवरी 2018 में शुरू हुआ यह रिश्ता दो झूठों पर बना था जिसकी बर्बादी तय थी. शादीशुदा दुष्‍यंत फर्जी नाम विवान कोहली के रूप में टिंडर पर खुद को दिल्ली का एक अमीर बिजनेसमैन बता रहा था. दूसरी ओर प्रिया ने केवल दुष्यंत का अपहरण करने और उससे पैसे ऐंठने के उद्देश्य से बातचीत शुरू की थी.

प्रिया ने दुष्यंत के कमरे में घुसते ही उसे अपने दो साथियों दीक्षांत कामरा और लक्ष्य वालिया की मदद से किडनैप कर लिया.

बाद में उन्हें एहसास हुआ कि ‘दिल्ली का व्यवसायी’ उतना अमीर नहीं है जितना उन्होंने सोचा था. उन्होंने फिरौती के लिए कॉल करके भारी रकम मांगी थी. जब दुष्यंत का परिवार 10 लाख रुपये देने में विफल रहा, तो आरोपी ने उस पर चाकू से हमला किया. उस पर कई वार किए और तकिये से मुंह दबाकर उसकी हत्या कर दी.

एक्टिविस्ट दीपिका नारायण भारद्वाज से एक इंटरव्यू में दुष्यंत के पिता रामेश्वर प्रसाद शर्मा ने कहा, “मेरे बेटे के फोन से कॉल आया था. वह कह रहा था ‘पापा, वे मुझे मार डालेंगे, कृपया उन्हें 10 लाख रुपये दें और मुझे बचा लें.”

उन्होंने कहा, “प्रिया ने फिर फोन छीन लिया और मुझे गालियां देना शुरू कर दिया. उसने मुझसे दुष्यंत के खाते में 10 लाख रुपये जमा करने के लिए कहा. मैंने उससे कहा कि मेरे पास इतने पैसे नहीं हैं, लेकिन मैं शाम चार बजे तक तीन लाख रुपये का इंतजाम कर सकता हूं.”

सूटकेस में रखा मिला था दुष्यंत का शव

प्रिया ने दुष्यंत का डेबिट कार्ड ले लिया था और उसे मजबूर करके उसका पिन ले लिया था. पिता के तीन लाख रुपये जमा करने के बाद, उन्होंने 20 हजार रुपये निकालने के लिए कार्ड का उपयोग किया. इसके बाद अपराध उजागर होने के डर से तीनों आरोपियों ने दुष्यंत की हत्या कर दी. उसका शव 4 मई  2018 को जयपुर के बाहर एक गांव में सूटकेस में रखा हुआ मिला था.

दोषी ठहराए जाने के बाद प्रिया सेठ ने अपना अपराध कबूल कर लिया. अपराध के पीछे अपने मकसद के बारे में उसने कहा, “उसने मुझे अपना असली नाम भी नहीं बताया. उसने मुझे बताया कि वह बहुत अमीर है. मैं दीक्षांत के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में थी और उस पर 21 लाख रुपये का कर्ज था. वह यह पैसा पाने के लिए किसी की तलाश कर रहा था. इसलिए हमने किसी का अपहरण करने, फिरौती मांगने और उस व्यक्ति की हत्या करने की योजना बनाई थी.”

एक्टिविस्ट दीपिका नारायण भारद्वाज से जब पूछा गया कि उसने दुष्यंत की हत्या क्यों की, जबकि उसके पिता ने पैसे ट्रांसफर किए थे? इस पर उसने कहा, “हमने पैसे आने से पहले ही उसे मार डाला था. पहले हमने उसका गला घोंटने की कोशिश की, फिर तकिए से उसका मुंह दबा दिया, लेकिन वह बच गया. फिर दीक्षांत ने मुझसे चाकू लाने को कहा, जिससे उसने उसका गला काट दिया.”

जयपुर की एक अदालत ने शनिवार को दुष्यंत शर्मा की हत्या के मामले में तीन आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. सत्र न्यायाधीश अजीत कुमार हिंगर ने अपने आदेश में कहा कि अभियोजन पक्ष ने तथ्यों को प्रमाणित करने के लिए पर्याप्त सबूत पेश किए हैं.