बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने पद से दिया इस्तीफा, कुछ देर में BJP संग करेंगे बैठक

Bihar politics crisis: बिहार की राजनीति में बड़ा उलटफेर हो गया है. मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया है. नीतीश कुमार ने राज्यपाल राजेंद्र वी आर्लेकर को इस्तीफा सौंपा. सूत्रों की मानें तो नीतीश कुमार ने पाला बदलने की पूरी रणनीति बना ली है. कुछ देर में बीजेपी, हम और जेदीयू की संयुक्‍त बैठक होने वाली है. नीतीश कुमार को बीजेपी और हम विधायक समर्थन पत्र सौंपेंगे. इसके बाद नीतीश कुमार, एक बार फिर मुख्‍यमंत्री पद की शपथ ग्रहण करेंगे. नीतीश के साथ उनके नए सहयोगी भी शपथ ग्रहण कर सकते हैं. राजभवन अधिकारी ने बताया कि बिहार के राज्यपाल ने नीतीश कुमार का इस्तीफा स्वीकार किया, नयी सरकार के गठन तक उन्हें कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहने को कहा है.

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नीतीश कुमार ने आज बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया, जिससे उनकी पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) का राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के साथ दो साल का रिश्ता खत्म हो गया. नीतीश कुमार के भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ गठबंधन में लौट रहे हैं, जिसने पहले ही जद (यू) नेता के लिए समर्थन पत्र एकत्र कर लिया है. सुनने में यह भी आ रहा है कि भाजपा और जदयू ने तीन महीने के भीतर होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे के समझौते को भी अंतिम रूप दे दिया है.

नीतीश कुमार ने 2022 में बीजेपी से नाता तोड़कर और लालू यादव की राजद, कांग्रेस और वाम दलों के साथ ‘महागठबंधन’ में सरकार बनाई.  243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में राजद वर्तमान में 79 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है, लेकिन राजद भी बहुमत के आंकड़े- 122 से 43 सीटें पीछे है. 78 विधायकों की संख्या के साथ भाजपा विधानसभा में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है.

बिहार विधानसभा सीटों का गणित

राजद- 79 विधायक

बीजेपी- 78 विधायक

जद(यू)-45

कांग्रेस – 19

सीपीआई (एम-एल) – 12

हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) – 4

सीपीआई-2

सीपीआई (एम) – 2

एआईएमआईएम – 1

निर्दलीय विधायक- 1

नीतीश कुमार के जाने पर अब ‘महागठबंधन’ का क्या होगा?

जद (यू) सत्तारूढ़ गठबंधन से अलग हो गया है, तो उसके पास बहुमत के आंकड़े से आठ विधायक कम हो गए हैं. राजद नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने हालांकि, संकेत दिया है कि वे सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे. कांग्रेस और वाम दलों के समर्थन से गठबंधन के पास 114 विधायक होंगे – जो बहुमत से आठ कम है.

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