भारत चीन से सटे बॉर्डर पर कई निर्माण गतिविधियां चला रहा है: बीआरओ महानिदेशक

बीआरओ के महानिदेशक ने कहा कि पिछली सरकार वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास सड़क निर्माण को लेकर आशंकित थी.

नई दिल्ली:

सीमा सड़क संगठन (Border Roads Organisation) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी (Rajeev Chaudhry) ने रविवार को बीआरओ की वायु प्रेषण इकाई के निर्माण कार्य का निरीक्षण करने आए थे. इसे दुनिया का सबसे बड़ा 3डी कंक्रीट प्रिंटेड परिसर माना जाता है. इस दौरान महानिदेशक ने कहा कि भारत पिछले तीन वर्षों में चीन से लगी सीमा पर कई निर्माण गतिविधियां कर रहा है. राजीव चौधरी ने कहा कि भारत सरकार (Indian Government) बजट और नयी तकनीक बढ़ाकर बुनियादी ढांचा विकास परियोजनाओं (Infrastructure Development Projects) को पूरा करने के लिए बीआरओ (BRO) का पूरा सहयोग कर रही है.

केंद्र सरकार ने पिछले दो वर्षों में बीआरओ के बजट में 100% वृद्धि की

यह भी पढ़ें

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार (Central Government)  ने ‘‘पिछले दो वर्षों में बीआरओ के बजट में 100 प्रतिशत की वृद्धि की है.” यह पूछे जाने पर कि क्या चीन भारत के सीमावर्ती इलाकों के पास बड़े बुनियादी ढांचे का विकास कर रहा है, महानिदेशक ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में चीन सीमा (China Border) पर बीआरओ और अन्य एजेंसियों द्वारा बहुत सारी निर्माण गतिविधियां की जा रही हैं. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान 8,000 करोड़ रुपये की बीआरओ की लगभग 300 परियोजनाएं पूरी की गईं.

हम अगले चार से पांच वर्षों में चीन को पीछे छोड़ देंगे: राजीव चौधरी

राजीव चौधरी ने कहा, ‘‘पिछले तीन वर्षों में हमने 295 सड़क परियोजनाएं, पुल, सुरंगें और हवाई पट्टी बनाए हैं जो राष्ट्र को समर्पित किए गए. चार महीनों में हमारी 60 और परियोजनाएं तैयार हो जाएंगी.”उन्होंने कहा कि बीआरओ सड़क के निर्माण में स्टील का एक सह-उत्पाद ‘स्टील स्लैग’ और प्लास्टिक का इस्तेमाल कर रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘आज बीआरओ के काम की गति काफी तेज है और इसमें सरकार का पूरा सहयोग है, चाहे वह बजट हो, मशीन हो, नयी तकनीक हो या प्रक्रियाओं का सरलीकरण हो. आप आश्वस्त रह सकते हैं कि हम अगले चार से पांच वर्षों में चीन को पीछे छोड़ देंगे.”

पिछली सरकार LAC के पास सड़क निर्माण को लेकर आशंकित थी: BRO महानिदेशक

बीआरओ के महानिदेशक ने कहा कि पिछली सरकार वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास सड़क निर्माण को लेकर आशंकित थी. तत्कालीन रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने 2008 में संसद में बयान दिया था कि चीन उन्हीं सड़कों का इस्तेमाल भारत के खिलाफ कर सकता है. उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन आज, सरकार अलग तरीके से सोच रही है. हमारी परियोजनाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है”

पिछले तीन साल में चार सुरंगें बनाई गई,10 सुरंगों पर काम जारी

इसके आगे उन्होंने कहा  60 साल में सिर्फ दो सुरंगें बनाई गई थीं लेकिन पिछले तीन साल में चार सुरंगें बनाई गई हैं. हम वर्तमान में 10 सुरंगों पर काम कर रहे हैं, जो अगले साल तक तैयार हो जाएंगी और आठ और सुरंगों की योजना बनाई गई है. उन्होंने रेखांकित किया कि सुरंगें सबसे तेज और हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करने का सबसे महत्वपूर्ण घटक हैं. उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड, तवांग और अन्य क्षेत्रों में ऊंचाई वाले इलाकों में स्थित सड़क के बंद रहने के समय को घटाने के वास्ते बीआरओ बर्फ हटाने के लिए नयी तकनीक और मशीन का इस्तेमाल कर रहा है.

जोजी ला दर्रे का उदाहरण देते हुए चौधरी ने कहा कि यह बर्फ के कारण अक्टूबर से छह महीने तक बंद रहता था. उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में सड़क के बंद रहने का समय घट गया है.

बीआरओ ने दुनिया की सबसे ऊंची सड़क का निर्माण किया

बीआरओ की परियोजनाओं पर महानिदेशक ने कहा कि उसने डेमचोक में 19,000 फुट की ऊंचाई पर दुनिया की सबसे ऊंची सड़क का निर्माण किया. राजीव चौधरी ने कहा, ‘‘करीब 40 दिन पहले, हमने 15,000 फुट की ऊंचाई पर हानले में एक सुरंग शुरू की थी.” उन्होंने कहा कि सभी सड़कें माउंट एवरेस्ट के आधार शिविरों से अधिक ऊंचाई पर हैं.