“मेरी आंखों में आंसू…”: आतिशी ने ED कस्‍टडी से अरविंद केजरीवाल का पहला ऑर्डर किया साझा

आतिशी ने कहा कि मुख्यमंत्री का पत्र पढ़कर उनकी आंखों में आंसू आ गए. उन्‍होंने कहा, “अरविंद केजरीवाल जी ने मुझे एक पत्र और एक निर्देश भेजा है. इसे पढ़कर मेरी आंखों में आंसू आ गए. मैं सोच रही हूं कि यह कैसा शख्‍स है… जो जेल में होने के बावजूद दिल्लीवासियों की पानी और सीवेज समस्याओं के बारे में सोच रहा है. केवल अरविंद केजरीवाल ऐसा कर सकते हैं, क्योंकि वह खुद को दिल्ली के 2 करोड़ लोगों के परिवार का सदस्य मानते हैं.”

उन्होंने कहा, ”मैं भाजपा से कहना चाहती हूं कि आप अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर सकते हैं… उन्हें जेल में डाल सकते हैं, लेकिन आप दिल्ली के लोगों के प्रति उनके प्यार और कर्तव्य की भावना को कैद नहीं कर सकते. आप नेता जेल में हो सकते हैं, लेकिन दिल्‍ली में काम नहीं रुकेगा.”

आतिशी ने प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में कहा कि अरविंद केजरीवाल पूरी दिल्‍ली को अपना परिवार मानते हैं. ईडी की कस्‍टडी में जारी किये गए पहले आदेश में केजरवाल ने कहा, “मुझे पता चला है कि दिल्‍ली के कुछ इलाकों में पानी और सीवर की काफी समस्‍याएं हो रही हैं. इसे लेकर मैं चिंतित हूं. चूंकि मैं जेल में हूं, इस वजह से लोगों को जरा भी तकलीफ नहीं होनी चाहिए. गर्मियां भी आ रही हैं. जहां पानी की कमी है, वहां उचित संख्‍या में टैंकरों का इतंजाम कीजिए. मुख्‍य सचिव समेत अन्‍य अधिकारियों को उचित आदेश दीजिए, ताकि जनता को किसी तरह की परेशानी न हो. जनता की समस्‍याओं का तुरंत और समुचित समाधान होना चाहिए.  जरूरत पढ़ने पर उपराज्‍यपाल महोदय का भी सहयोग लें. वे भी आपकी मदद जरूर करेंगे.” 

सूत्रों ने बताया कि यह आदेश राष्ट्रीय राजधानी की जल आपूर्ति से संबंधित है और मुख्यमंत्री ने इसे दिल्ली की मंत्री आतिशी को एक नोट के माध्यम से जारी किया, जो यह विभाग संभालती हैं. बता दें कि केजरीवाल को दिल्‍ली शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में 28 मार्च तक प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में भेजा है.

आम आदमी पार्टी ने स्पष्ट कर दिया है कि गिरफ्तारी के बावजूद केजरीवाल मुख्यमंत्री बने रहेंगे. हालांकि कोई भी कानून उस पर रोक नहीं लगाता, जेल नियम इसे बहुत कठिन बना देंगे. दिल्ली की तिहाड़ जेल के एक पूर्व लॉ ऑफिसर सुनील गुप्‍ता का कहना है कि एक कैदी से हफ्ते में सिर्फ दो मुलाकातें हो सकती हैं.

सुनील गुप्ता ने एनडीटीवी को बताया, “जेल से सरकार चलाना आसान नहीं है. जेल मैनुअल में कहा गया है कि आप अपने परिवार, दोस्तों या सहयोगियों से सप्ताह में केवल दो बार मिल सकते हैं. इसलिए इन प्रतिबंधों के साथ शासन करना उनके लिए आसान नहीं होगा.” वह कहते हैं कि हालांकि, एक रास्ता है. केजरीवाल मुख्यमंत्री बने रह सकते हैं यदि वे अधिकारियों से उन्हें घर में नजरबंद करवाने में सक्षम हों. हालांकि, इसके लिए उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना की मंजूरी की आवश्यकता होगी.

सुनील गुप्‍ता ने बताया, “प्रशासक के पास किसी भी इमारत को जेल घोषित करने का अधिकार है. कई बार अदालत परिसरों को अस्थायी जेलों के रूप में नामित किया गया जा चुका है. अगर ऐसा होता है, तो केजरीवाल को जेल से सरकार चलाने में मदद मिल सकती है. लेकिन उपराज्‍यपाल और आप सरकार के बीच टकराव के इतिहास को देखते हुए, एलजी ऑफिस से ऐसा आदेश असंभव लगता है.

भाजपा का कहना है कि केजरीवाल को अब मुख्‍यमंत्री पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है, इसलिए उन्‍हें इस्‍तीफा दे देना चाहिए. 

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