रूठे केजरीवाल को राहुल की “बारात” में ला पाएंगे लालू?

बैठक में केंद्र के अध्यादेश को लेकर कांग्रेस और AAP में बात बिगड़ गई. बैठक में पहुंचे अरविंद केजरीवाल अध्यादेश पर कांग्रेस का रुख जानना चाहते थे. कांग्रेस नेताओं ने बैठक में भी “ना हां, ना ना” का रुख ही रखा. उन्होंने कहा कि भाजपा के किसी भी कदम का समर्थन का कोई सवाल ही नहीं है. साथ ही कहा कि लेकिन हमारी पार्टी में फैसला लेने की एक प्रक्रिया है.

सूत्रों के मुताबिक, केजरीवाल इस बात पर अड़ गए कि इसी बैठक में कांग्रेस का रुख साफ हो. इस पर कई विपक्षी नेताओं ने उन्हें टोका भी. कांग्रेस नेताओं ने भी कहा कि बंदूक दिखाकर अपनी बात नहीं मनवा सकते. बैठक में कांग्रेस के खिलाफ AAP के बयान भी दिखाए गए. जिनमें आम आदमी पार्टी के नेताओं द्वारा कांग्रेस पर हमला बोला जाता रहा है. बैठक में केजरीवाल अलग-थलग पड़ गए. बैठक के बाद आम आदमी पार्टी ने ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस का बायकॉट कर दिया.

इसके बाद आम आदमी पार्टी ने कहा कि जब तक कांग्रेस अध्यादेश का विरोध नहीं करेगी, तब तक वह विपक्ष की ऐसी किसी भी बैठक में शामिल नहीं होगी, जिसमें कांग्रेस भी हो.

अब बात करते हैं लालू यादव की राहुल गांधी को शादी के लिए दी गई नसीहत की. लालू यादव ने मीडिया के सामने राहुल गांधी की “बारात” में शामिल होने की बात कही.

लालू यादव ने राहुल गांधी से कहा, “आप हमारी सलाह नहीं मानते. आप शादी कर लिजिए. अभी भी ज्यादा समय नहीं बीता. हम सब लोग आपकी बारात में चलेंगे. हमारी बात मानिए, आप शादी कर लिजिए.”

इस पर वहां मौजूद सभी विपक्ष के नेता और मीडियाकर्मियों की हंसी नहीं रुक पाई. इतना ही नहीं इससे पहले उन्होंने राहुल गांधी को दाढ़ी छोटी रखने के लिए भी कहा. 

लालू यादव ने अपने अंदाज में कहा, घूमने लगे हैं, तो दाढ़ी रख लिए हैं. ऐसा न कीजिए जी. तनिक ध्यान रखिए कि ज्यादा न नीचे चला जाए. पीएम मोदी के देखे हैं ना… उनकी दाढ़ी छोटी है. आपकी दाढ़ी उससे ज्यादा नहीं बढ़नी चाहिए.

हालांकि, लालू और गांधी परिवार में आत्मीयता वाले रिश्ते रहे हैं. गाहे-बगाहे दोनों परिवार में नजदीकी दिखती रही है. लेकिन लालू यादव के दुलार (राहुल को शादी की नसीहत) को एक सियासी मैसेज के तौर पर भी देखा जा सकता है. हो सकता है कि वह राहुल गांधी के सिर पर सेहरा (2024 में विपक्ष के पीएम उम्मीदवार) देखना चाहते हैं. क्या वो राहुल की जिस बारात में पूरे विपक्ष के साथ शामिल होने की बात कर रहे हैं, वो 2024 का चुनाव दंगल तो नहीं. ऐसी इच्छा लालू यादव पहले भी कई बार जता चुके हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले भी लालू यादव ने ऐसा ऐलान किया था. लालू यादव ने कहा था कि गैर भाजपा दलों के पीएम उम्मीदवार राहुल गांधी होंगे. हालांकि, पिछले लोकसभा चुनाव उनकी यह इच्छा पूरी नहीं हो सकी.

पटना में हुई बैठक इस पर कोई चर्चा नहीं हुई. विपक्षी नेताओं ने बताया कि इस बैठक में प्रधानमंत्री उम्मीदवार पर कोई बातचीत नहीं हुई. साथ ही बताया कि आगे की रणनीति के लिए आगे भी बैठक होती रहेंगी. इसके साथ ही अगली बैठक शिमला में करने का भी ऐलान कर दिया.

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लेकिन अब सवाल यह है कि अगर विपक्ष 2024 में राहुल गांधी के नेतृत्व में चुनाव लड़ता है. तो रूठे हुए अरविंद केजरीवाल को राहुल की “बारात” में लालू कैसे ला पाएंगे? क्या नीतीश कुमार के जरिए फिर से केजरीवाल को मनाने की कोशिश होगी. या फिर कांग्रेस से अपना रुख स्पष्ट करने के लिए कहा जाएगा. हालांकि, कांग्रेस ने अभी तक अध्यादेश का विरोध करने से मना नहीं किया है. राहुल गांधी ने बैठक में कहा कि संसद के अगले सत्र से दस दिन पहले उनकी पार्टी फैसला कर लेगी. जिसमें इस अध्यादेश को पेश किया जा सकता है.

आम आदमी पार्टी को विपक्ष से अलग रखना भी कांग्रेस के लिए कम नुकसानदायक नहीं है. चाहें वो दिल्ली हो या पंजाब, दोनों राज्यों में कांग्रेस को मात देकर ही AAP ने पूर्ण बहुमत हासिल किया है. इतना ही नहीं, कांग्रेस और भाजपा की सीधी लड़ाई में आम आदमी पार्टी कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगाती दिखती है. अगर आम आदमी पार्टी 2024 में अकेले चुनाव लड़ती है तो दिल्ली और पंजाब के अलावा भी कई राज्यों में कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के वोट काट सकती है. जिसका सीधा-सीधा फायदा भाजपा को मिलेगा. ऐसे में विपक्षी एकता को झटका लग सकता है.

आरिफ खान मंसूरी NDTV में डिप्टी न्यूज एडिटर हैं…

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं.