“वो अपमानित हो चुका है, अब जवाबी कार्रवाई की जरूरत नहीं”, ईरान के हमलों पर इजरायल के पूर्व पीएम

ईरान के हमले के कारण मध्य पूर्व में तनाव काफी बढ़ गया है और दोनों देशों के बीच सैन्य संघर्ष तेज होने की चिंता जताई जा रही है, जिसमें पश्चिमी देश भी शामिल हो सकते हैं. ओलमर्ट ने यह भी संकेत दिया कि उन्हें ईरान के बयान पर विश्वास है. ईरान की सेना ने रविवार को कहा कि उसका ऑपरेशन सीरिया के दमिश्क में ईरान के वाणिज्य दूतावास पर इजरायल के घातक हमले की प्रतिक्रिया में जवाबी कार्रवाई है और उसने “अपने सभी उद्देश्यों को प्राप्त कर लिया है”.

ओलमर्ट ने कहा, “हमने शनिवार को ईरान को हरा दिया (जब ईरान द्वारा दागी गई 300 मिसाइलों और ड्रोनों में से सात को छोड़कर सभी को मार गिराया)… हमने ईरान को अपमानित किया. यह ईरान की इजरायल के खिलाफ सबसे खराब उकसावे की कार्रवाई थी… इजरायली एयर डिफेंस की विशेषज्ञता और दक्षता के कारण महत्‍वपूर्ण जीत साबित हुई. इसलिए उन्हें (इजरायली सरकार को) जवाब देने की जरूरत नहीं है… मेरे ख्याल से हम जीत गए हैं… हमें इस टकराव को जारी रखने की जरूरत नहीं है.” 

उन्होंने कहा, “मुझे कहना होगा…ईरानी काफी विश्वसनीय हैं. जब उन्होंने घोषणा की कि वे हमला करेंगे, तो उन्होंने किया. इसलिए अब जब उन्होंने घोषणा की है कि वे समाप्त कर चुके हैं…मैं उन्हें गंभीरता से लेना चाहता हूं.”

हालांकि, पूर्व प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि इजरायल “जैसा कि आप कल्पना कर सकते हैं कि  अपनी आंखें और कान खुले रखेगा, और सभी सिस्‍टम उस स्थिति में तैयार रहेंगे जब कोई, किसी भी कारण से, हमला करने का फैसला करता है”.

ओलमर्ट ने एनडीटीवी से कहा, “लेकिन मुझे उम्मीद है कि वे इसे अपने लिए फुल स्‍टॉप के रूप में देखेंगे और इजरायली सरकार को मेरी सलाह है कि हमें प्रतिक्रिया देने की जरूरत नहीं है.”

ईरान ने भी इजरायल से जवाबी हमले के बारे में दो बार सोचने का आग्रह किया है. संयुक्त राष्ट्र में ईरान के मिशन ने एक्स पर कहा, “मामले को समाप्त माना जा सकता है”. साथ ही कहा, “अगर इजरायली शासन ने एक और गलती की तो ईरान की प्रतिक्रिया काफी गंभीर होगी.”

संयुक्त राष्ट्र ने भी अंतरराष्ट्रीय समुदाय को तनाव बढ़ने के खिलाफ चेतावनी दी है. महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने सुरक्षा परिषद से कहा, “न तो क्षेत्र और न ही दुनिया अधिक युद्ध बर्दाश्त कर सकती है”.

एक अनुमान के मुताबिक, ईरान की 99 फीसदी मिसाइलें और ड्रोन इंटरसेप्‍ट कर लिए गए. साथ ही जो सुरक्षा को पार कर सके उन्‍होंने भी न्‍यूनतम क्षति पहुंचाई. सिर्फ 12 लोगों के घायल होने की सूचना है और कोई मौत नहीं हुई है. 

ईरान ने कहा कि उसका हमला 1 अप्रैल को दमिश्क में उसके वाणिज्य दूतावास पर हुए हमले के जवाब में था, जिसका इजरायल पर आरोप लगाया गया था. हमले में सात ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड मारे गए थे. 

इजरायल-गाजा युद्ध पर ओलमर्ट

ओलमर्ट ने स्वीकार किया कि 7 अक्टूबर को हमास के क्रूर हमले के बाद गाजा पर इजरायल के सैन्य हमले ने कई निर्दोष फिलिस्तीनियों को प्रभावित किया है. उन्‍होंने कहा, “हमें शामिल नहीं होने वाले लोगों पर हमला करने की कोई इच्छा नहीं है.” साथ ही उन्‍होंने कहा, “… हमास ने निर्दोष नागरिकों पर उनके घरों में हमला किया. उन्होंने रेप किया, कत्लेआम किया… उन्होंने निर्दोष नागरिकों के साथ भयानक कृत्‍य किया. हमारी ऐसी कोई नीति नहीं है.”

उन्होंने बताया कि अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन जैसे यूरोपीय देशों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित वैश्विक समुदाय ने हमास के हमले का जवाब देने के इजरायल के अधिकार को स्वीकार किया, हालांकि बाद में आलोचना से ऐसा प्रतीत नहीं हुआ, कारण था नागरिकों का हताहत होना. 

उन्‍होंने कहा, “…वैसे, आपके प्रधानमंत्री सहित विश्व के सभी नेताओं ने कहा कि इजरायल को प्रतिक्रिया का अधिकार है. जब उन्होंने यह कहा तो वे जानते थे कि हमास गाजा के शहरी इलाकों में घुसा हुआ है, जहां हजारों लोगों की भीड़भाड़ है और गाजा में नागरिकों के हताहत हुए बिना गाजा में इजरायली जवाबी हमले के बारे में सोचना लगभग असंभव था, जैसा कि हुआ…”

ओलमर्ट ने कहा, “हम मानते हैं कि इस ऑपरेशन के परिणामस्वरूप कई फिलिस्तीनी प्रभावित हुए. मैं आपको केवल वही बता सकता हू कि जो मैं महसूस करता हूं और जानता हूं कि ज्‍यादातर इजरायल ऐसा ही महसूस करता है. हमने ‘सॉरी’ कहा है और हम इसके लिए तैयार हैं. पूर्व इजरायली नेता ने एनडीटीवी को बताया कि हमास के कार्यों के परिणामस्वरूप बड़े पैमाने पर और मुख्य रूप से विस्थापित नागरिकों की सहायता के लिए हर संभव प्रयास के लिए तैयार हैं.”

इजरायल कब बंद करेगा गाजा के खिलाफ कार्रवाई?

गाजा पर इजरायल के हमले के संभावित अंत को लेकर ओलमर्ट ने कहा कि हालांकि इस मामले पर उनके विचार हैं, लेकिन निर्णय इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और उनकी सरकार के हाथों में है. 

उन्‍होंने कहा, “मुझे लगता है कि हम उस बिंदु पर पहुंच गए हैं जहां हम युद्ध रोक सकते हैं. हमने हमास के प्रत्येक सदस्य को खत्म नहीं किया है… लेकिन जिस हद तक आप एक आतंकवादी संगठन को नष्ट कर सकते हैं, हमने किया है. मुझे लगता है कि हमास लगभग पूरी तरह से टूट चुका है… उनकी अधिकांश सुरंगें, मिसाइलें, लड़ाकू विमान अब नष्ट हो चुके हैं और वह गाजा में उसी तरह की कमान और राजनीतिक प्रभाव फिर से हासिल करने में असमर्थ हैं जो उसके पास था.”

“तो यह इजरायल के लिए युद्ध को रोकने…समझौता करने, बंधकों को वापस लाने का सही समय है.”

ओलमर्ट ने एक “हस्तक्षेप बल” बनाने का भी आह्वान किया, जो शांति बनाए रखने और हमास को फिर से बनने से रोकने के लिए अमेरिका और भारत जैसे देशों की मदद से बनाया गया हो. 

“गाजा फिलिस्तीनियों का हिस्सा है…”

इसके साथ ही ओलमर्ट ने एक महत्‍वपूर्ण टिप्‍पणी करते हुए कहा, “गाजा इजरायली नहीं है…गाजा फिलिस्तीनियों का हिस्सा है और इस पर फिलिस्तीनियों द्वारा शासन किया जाना है”. साथ ही ओलमर्ट ने इजरायली अधिकारियों से कहा कि “फिलिस्तीनी निकाय के साथ हमारे और फिलिस्तीनियों के बीच व्यापक शांति के लिए बातचीत शुरू करें.” ओलमर्ट ने कहा कि ऐसा निकाय फिलिस्‍तीनियों और अंतरराष्‍ट्रीय समुदाय को स्वीकार्य होगा. 

उन्‍होंने कहा, “मुझे लगता है कि इसे किसी भी क्षेत्रीय समझौते का हिस्सा होना चाहिए… जिसमें सऊदी अरब और निश्चित रूप से (संयुक्त अरब) अमीरात शामिल होगा, जिसका पहले से ही इजरायल के साथ शांति समझौता है. यह युद्ध हमारे लिए और कई फिलिस्तीनियों के लिए दुखद रहा है (और यह) शांति वार्ता के लिए शुरुआती बिंदु हो सकते हैं.” 

ओलमर्ट ने तर्क दिया कि इस समय शांति पर जोर देने से “मध्य पूर्व में संतुलन बदल सकता है और उम्मीद है कि (क्षेत्र में) स्थिरता पैदा होगी. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि “उनके और फिलिस्तीनियों के बीच बातचीत द्वि राष्‍ट्र समाधान पर आधारित होनी चाहिए.” 

इजरायल-गाजा शांति वार्ता

ओलमर्ट की टिप्‍पणियां इजरायल द्वारा चल रही संघर्ष विराम वार्ता के हिस्से के रूप में उत्तरी गाजा पट्टी से विस्थापित फिलिस्तीनियों की वापसी की अनुमति देने के कुछ दिनों बाद सामने आई हैं, यह कथित तौर पर हमास की मुख्य मांग थी.

इजराइल और हमास मिस्र और कतर की मध्यस्थता में लंबी शांति वार्ता में लगे हुए हैं. टाइम्स ऑफ इजरायल की रविवार की रिपोर्ट के अनुसार, हमास ने अक्टूबर के हमले के बाद बंधकों की पहली खेप को रिहा करने से पहले छह सप्ताह के युद्धविराम के लिए कहा है. बदले में इजरायली सेना शहरी क्षेत्रों से हट जाएगी, जिससे विस्थापित नागरिक घर लौट सकेंगे. 

हमास का प्रस्‍ताव है कि लड़ाई के स्थायी अंत से पहले दो और छह सप्ताह के युद्धविराम का पालन किया जाएगा. 

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