हेलीकॉप्टर हादसे के बाद ईरान के राष्ट्रपति से संपर्क की कोशिश, PM मोदी सहित विश्व के नेताओं ने सलामती को लेकर जताई चिंता

ईरान लगातार लापता हेलीकॉप्टर की तलाश कर रहा है.

ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन का हेलीकॉप्टर पूर्वी अजरबैजान के पश्चिमी प्रांत के जोफा क्षेत्र के पहाड़ों में दुर्घटनाग्रस्त हो गया है. 63 वर्षीय ईरानी राष्ट्रपति आज इस प्रांत के दौरे पर थे. वहां उन्होंने अज़रबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीव के साथ दोनों देशों की सीमा पर एक बांध परियोजना का उद्घाटन किया. ईरान के सर्वोच्च नेता सैय्यद अली खामेनेई ने रईसी के हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बाद नागरिकों से ‘चिंता नहीं करने’ को कहा है. इस सूचना के आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित विश्व के नेताओं ने इब्राहिम रईसी की सलामती को लेकर चिंता जताई है.

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दो लोगों से संपर्क हुआ

रईसी का हेलीकॉप्टर तीन हेलिकॉप्टरों के बेड़े का हिस्सा था. घने कोहरे और खराब मौसम के कारण हेलीकॉप्टर का अब तक पता नहीं चल पाया है. तस्नीम समाचार एजेंसी के अनुसार, बेड़े में शामिल अन्य दो हेलिकॉप्टर सुरक्षित रूप से अपने गंतव्य तक पहुंच गए हैं. रईसी के हेलीकॉप्टर का अभी तक पता नहीं चल पाया है. एक ईरानी अधिकारी ने रॉयटर्स को बताया कि रईसी और विदेश मंत्री अमीराब्दुल्लाहियन की जान “हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बाद खतरे में” थी. अधिकारी ने कहा, “हम अभी भी आशान्वित हैं, लेकिन दुर्घटनास्थल से आ रही जानकारी बहुत चिंताजनक है.” रईसी की हालत के बारे में कोई खबर नहीं है. हालांकि, सूत्रों ने बताया कि लापता हेलीकॉप्टर में सवार दो लोगों से संपर्क हो गया है.

खराब मौसम के कारण परेशानी

राज्य समाचार एजेंसी आईआरएनए ने बताया कि खराब मौसम ने बचाव प्रयासों को जटिल बना रहा है. समाचार एजेंसी ने कहा कि खोजी कुत्तों और ड्रोन का इस्तेमाल करने वाली 40 से अधिक बचाव टीमें घटनास्थल पर भेजी गईं हैं. राज्य मीडिया के फुटेज में आईआरसीएस टीम और अन्य बचाव अधिकारियों को हेलीकॉप्टर का पता लगाने के लिए घने कोहरे में पहाड़ी ढलान पर चलते हुए दिखाया गया है. सरकारी टीवी ने अपने गृह नगर में रईसी के लिए प्रार्थना कर रहे लोगों के फुटेज भी प्रसारित किए. आंतरिक मंत्री अहमद वाहिदी ने कहा कि हेलीकॉप्टरों में से एक को “खराब मौसम की स्थिति के कारण हार्ड लैंडिंग करनी पड़ी” और विमान के साथ “संचार स्थापित करना मुश्किल” था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा, “आज राष्ट्रपति रईसी के हेलीकॉप्टर के संबंध में रिपोर्टों से बेहद चिंतित हूं. हम संकट की इस घड़ी में ईरानी लोगों के साथ एकजुटता से खड़े हैं और राष्ट्रपति और उनके दल की भलाई के लिए प्रार्थना करते हैं.”

अज़रबैजान और इराक ने मदद की पेशकश की

ईरान के पड़ोसी अज़रबैजान के राष्ट्रपति ने बचाव दल को ईरानी राष्ट्रपति के हेलिकॉप्टर का पता लगाने में मदद करने की पेशकश की है. अलीयेव ने सोशल मीडिया पर कहा, “आज, इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी को मैत्रीपूर्ण विदाई देने के बाद, शीर्ष प्रतिनिधिमंडल को ले जा रहे एक हेलीकॉप्टर के ईरान में दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर से हम बहुत परेशान हैं.” उन्होंने कहा, “अज़रबैजान गणराज्य किसी भी आवश्यक सहायता की पेशकश करने के लिए तैयार है.” एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा, इराकी प्रधानमंत्री मोहम्मद शिया अल-सुदानी ने “आंतरिक मंत्रालय, इराकी रेड क्रिसेंट और अन्य संबंधित अधिकारियों को ईरानी राष्ट्रपति के हेलीकॉप्टर की खोज में सहायता के लिए ईरान के इस्लामी गणराज्य को उपलब्ध संसाधनों की पेशकश करने का निर्देश दिया.”

अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, “हम ईरानी राष्ट्रपति और विदेश मंत्री को ले जा रहे एक हेलीकॉप्टर की ईरान में संभावित हार्ड लैंडिंग की रिपोर्ट पर करीब से नजर रख रहे हैं.” राष्ट्रपति बाइडेन के प्रवक्ता कैरिन जीन-पियरे ने संवाददाताओं से कहा कि राष्ट्रपति को स्थिति के बारे में जानकारी दी गई है.

इब्राहिम रईसी 2021 में राष्ट्रपति चुनाव के बाद सत्ता में आए और ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई के करीबी हैं. उनके कार्यकाल में 1979 में इस्लामी क्रांति के बाद से कई वर्षों में ईरान में सबसे बड़े विरोध प्रदर्शनों में से एक देखा गया. 2022 में, एक ईरानी महिला महसा अमिनी की पुलिस हिरासत में मौत हो गई, जिससे बड़े पैमाने पर नागरिक अशांति फैल गई और कई महीनों तक सरकार द्वारा क्रूर कार्रवाई की गई. वह एक ऐसे चुनाव के बाद सत्ता में आये, जिसमें आधे से अधिक मतदाता अनुपस्थित रहे और कई लोकप्रिय उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने से रोक दिया गया. उन्होंने हसन रूहानी का स्थान लिया, जिनकी सबसे बड़ी उपलब्धि विश्व शक्तियों के साथ 2015 का परमाणु समझौता था, जिसने ईरान को अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों से राहत दी. उन्होंने तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा 2018 में संयुक्त राज्य अमेरिका को परमाणु समझौते से एकतरफा वापस लेने और ईरान पर दंडात्मक प्रतिबंध फिर से लगाने के बाद रूहानी शासन की आलोचना की थी.