“UP खिलाड़ियों का संगम बन गया” : खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के उद्घाटन पर PM मोदी

यह घोटाला 2010 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए द्वितीय सरकार के कार्यकाल के दौरान सामने आया था.

पीएम मोदी ने कहा, “हमारे गांव देहात के बच्चों को खेलने का मौका मिले ,इसके लिए पहले एक योजना चला करती थी पंचायत युवा क्रीडा खेल अभियान लेकिन बाद में इसका नाम बदलकर राजीव गांधी खेल अभियान कर दिया गया. इस अभियान में भी फोकस सिर्फ नाम बदलने को लेकर था, देश के खेल के आधारभूत ढांचे को बदलने को लेकर नहीं दिखाया गया.”

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी खेल में भाग ले रहे खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दी. उन्होंने कहा कि उप्र का सांसद होने के नाते उप्र में आने वाले सभी खिलाड़ियों का स्वागत करता हूं.

उन्होंने कहा, “इन खेलों के आयोजन से यूनिवर्सिटी में खेल के माहौल में बदलाव होगा और ये खेल उत्सव देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा. आज उप्र में देश की खेल प्रतिभाओ का संगम बना है. पहले हमने खेलो इंडिया खेल की शुरुआत की. अब खेलो इंडिया शीतकालीन खेल की भी शुरुआत हो गई है.”

पीएम मोदी ने प्रदेश सरकार की तारीफ करते हुए कहा, “उप्र में खेलों के विकास को लेकर बेहतरीन काम हो रहा है. इन खेलों का समापन मेरे निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में होगा और मैं उसी का इंतजार कर रहा हू. ऐसे आयोजन टीम भावना को विकसित करने में मदद करते हैं और विभिन्न राज्यों के खिलाड़ियों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान में मददगार होंगे.”

इस साल खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी खेल 25 मई से तीन जून तक उत्तर प्रदेश में आयोजित किये जा रहे हैं. इन खेलों में 4750 से अधिक एथलीट 21 खेलों में 200 से अधिक विश्वविद्यालयों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.

खेल वाराणसी, गोरखपुर, लखनऊ और गौतम बुद्ध नगर में आयोजित किये जा रहे हैं. खेलों का शुभंकर जीतू बारहसिंघा है जो उत्तर प्रदेश का राज्य पशु है. खेलों का समापन बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) वाराणसी में तीन जून को होगा.

पीएम मोदी ने कहा कि पिछले नौ वर्षों में भारत में खेलों का एक नया युग शुरू हुआ है. ये नया युग विश्व में भारत को एक खेल शक्ति बनाने का ही नहीं है, ये खेलों के माध्यम से समाज के सशक्तिकरण का भी नया दौर है. उन्होंने कहा कि हमारी राष्ट्रीय शिक्षा नीति में खेलों को एक विषय के रूप में पढ़ाया जाना प्रस्तावित है.

उन्होंने आगे कहा कि पहले की सरकारों ने 6 साल में सिर्फ 300 करोड़ रुपये खेलों के बुनियादी ढांचे पर खर्च किए थे, जबकि खेलो इंडिया के तहत अब खेल के बुनियादी ढांचे पर 3000 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं.

खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी खेलों में लखनऊ 8 स्थानों पर 12 खेलों (तीरंदाजी, जूडो, मल्लखंब, वॉलीबॉल, तलवारबाजी, बैडमिंटन, टेबल टेनिस, रग्बी, एथलेटिक्स, हॉकी, फुटबॉल की मेजबानी करेगा . गौतम बुद्ध नगर (नोएडा) तीन स्थानों में पांच खेलों (बास्केटबॉल, कबड्डी, मुक्केबाजी, तैराकी और भारोत्तोलन) की मेजबानी करेगा.

वाराणसी आईआईटी-बीएचयू, दो खेलों (कुश्ती और योगासन) की मेजबानी करेगा, जबकि, गोरखपुर और दिल्ली क्रमशः नौकायन और निशानेबाजी का आयोजन करेंगे.

नौकायन को पहली बार इन खेलों में शामिल किया गया है.

उद्घाटन के अवसर पर मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ, केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर, केंद्रीय खेल राज्य मंत्री निसिथ प्रमाणिक समेत प्रदेश के तमाम मंत्री और अधिकारी मौजूद थे.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)